तेरे कर्तव्यों को याद कर,
देश के उन्नति के लिये प्रस्थान कर,
एक दिन की ये जागरूकता,
और तेरे जीवन मे उजाला रोजाना।
बैठा क्या हैं अब उठ,
उन्नति के परे मोडने से पहले अपना रूख,
दो पल सोच,
सोच और कर विचार,
कि अपने ना करने से मतदान,
हो रहा हैं यह देश लाचार।
तो दो पल सोच और कर विचार,
क्या बनाना हैं अपना देश महान?
तो जा कर मतदान।
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