मिठी मिठी चाय से, शितल उजाले में शक्कर मिल गयी
चांद रातभर सोचता रहा, यह बिमारी कब से लग गयी..-
जिंदगी एक ख़्वाब
(आरजू़...💞)
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मेरी प्रोफाइल पर आपका स्वागत हैं🙏 लिखने का शौक हैं मगर जिन्दगी छोटी हैं....जो मुकर गया कर... read more
Joined 6 April 2018
4 MAY AT 13:11
1 MAY AT 18:02
सिपास है उस वक्त के, जिसने हमें जुदा किया
वरना कहां से लाते तनहाई में यादों का समुंदर..-
1 MAY AT 17:43
चाय तो सीर्फ इक बहाना था, तुमसे मिलने का
एक मौका था चाय के साथ, दिलसे खिलने का-
29 APR AT 19:48
अगर ना होते ख़्वाब, जिंदगी बेजान होती
ना रहते जज़्बात ना दिल की आरज़ू कोई
उंची गगन में उड़ान भरने के हौंसले नहीं
हर किसी की जिंदगी होती खोई खोई....-
28 APR AT 21:43
आरज़ूओं का समुंदर छाया है तेरी पलकों के पिछे
खुशियों कि कुर्बानी देकर जी रहीं हों जिंदगी को जैसे-
26 APR AT 21:33
मासुम आंखों की गुफ्तगू कैसे समझें
रसिले ओठों से ही नज़र नहीं हटती-
25 APR AT 15:43
इन हसीन वादियों में, इश्क़ का ताज पहनाकर
कहां गुम हो गये हो तुम, हमसे दिल लगाकर-
24 APR AT 22:40
मज़लूम का शिकार हुआ हैं जो सैलानी
इंसानियत नहीं भुलेगी मासुमों की कुर्बानी-