जितना मैं तुम्हें सुनती हूँ
उतना ही
ख़ुद को तुम्हारे नज़दीक पा रही हूँ

तुम्हारे दर्द मुझे लगने लगे हैं अपने से
मैं तुम पर और ज्यादा मरती जा रही हूँ...!!

- प्रेम_समर्पण