उन वीर जवानों ने दिया है
हमें खुलकर जीने का मौक़ा
ये हिंदुस्तान है हमारा
आज़ादी का मिला है तोहफ़ा…
ज़रे-ज़रे से जब आज़ादी की
घर-घर से आवाज़ उठी थी
इनक़लाब ज़िंदाबाद के नारों से
गोरी सरकार काँप उठी थी
याद करो उनकी शहादतें
जिनका ग़म भूलाना है औखा…
उन वीर जवानों ने दिया है
हमें खुलकर जीने का मौक़ा…
यहाँ सरकारें आती-जाती रहेंगी
मेरे देश से बढ़कर ना कुछ होगा
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
जब इनमें प्यार का एकत्व होगा
“जिंद” महसूस कर देश की मिट्टी को
जो देश हैं सबसे अनोखा
उन वीर जवानों ने दिया है
हमें खुलकर जीने का मौक़ा-
हमें ग़ुलामी मनजूर नहीं
इस देश के हम हैं परवाने
हमें मनमानी मनजूर नहीं
जय हिंद 🇮🇳-
एक लड़की और एक हमारी अन-कही सी कहानी
वो छुप-छुप कर देखे मुझे, उसे देख होती हैं हैरानी
थोड़े समय से बात हमारी यूँही होती है कभी-कभी
हम दोस्ती के रंग में भीगे हुए करते हैं अपनी मनमानी-
जैसे मेरी आँखों की भटकन
इस धरती पें खात्म हो गई
“जिंद” मुझे रास्ता ऐसा मिला
कि मेरी मंजिल तुम हो गई-
क्या कोई गिर गया
अपनी ही नज़रों से
अब तों कई भ्रमों से
पर्दा भी उठ गया होगा-
दर्द से भले तकलीफ़ हो दिल को
मगर! कभी-कभी इससे बढ़िया
सुकून नहीं मिलता दिल को…-
इश्क़ की हद को कैसे पार करो मैं
मोहब्बत के दरिया में, मैं तैरना चाहती हूँ …-
तेरी तस्वीर बन जाती हैं
तुझे प्यार करो, तेरा सिगार करो
तुझे याद करो, तेरा इतवार करो
तुझे अपना कहूँ, तेरा इंतज़ार करो
तेरी भक्ति करो, तेरा विश्वास करो
तेरी चाहत करो, तेरी आस करो
हर स्वाँस-स्वाँस तुझको ही सिमरूँ
मैं बन जाऊँ तेरी पायल,
तूँ बन जाए मेरा घुँघरू-
मुझे लगता हैं इस किताब में तुझे लिखा गया है
जब से पढ़ने बैठती हूँ
हुबहू तेरी तस्वीर आँखों में उतर जाती हैं…-
“जिंद” ये मोहब्बत के मौसम की कलपना करना मुश्किल है
क्योंकि ये इश्क़ के बहकावे में आकर खुद बर्बाद हो जाती हैं-