Jigयासा📝   (©Jigयासा📝)
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Joined 2 October 2018


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26 OCT 2022 AT 23:14

उनकी निगाहें कहीं ओर
और
वो निशाना कहीं ओर लगा रहे थे
साहब!
ज़माना निभाने से ज्यादा
घुमाने का है.......
जाहिर सी बात है कि,
वही दाव वो हम पर आजमा रहे थे

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25 OCT 2022 AT 17:16

मानो तो......
खामोशियां ही अच्छी है
लोगों के झूठी तारीफों से,
उनकी रुसवाईया ज्यादा सच्ची है

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3 SEP 2022 AT 14:57

काम में मंझे रहना
शायद सुकून देता है

वो काम की बारिश
और वक़्त का तूफ़ान
जाने क्यों
समय लगता है कम
और जैसे
लाखों हो काम

खाली समय क्यों
आफ़त लगता है
हर दो मिनट पर बस
भूखा पेट जगता है
फोन से भी जाने क्यों
ये मन भगता है

बस इसलिए
काम में मंझे रहना
शायद सुकून देता है

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27 AUG 2022 AT 19:54

Dear Diary,

Have you ever thought that why we always stuck in dilemma? Should we choose this or that? It might be because of blur picture about our priorities. Sometime I wonder that being a practical person is good or an emotional person. I have seen the both. So, no matter what kind of nature you have but your intentions should be good or pure. In accounting term, what goes out, same/equal comes in. God will definitely going to tally your balance sheet as well.

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15 MAY 2022 AT 18:32

मैं जाऊं अगर तो
भुला पाओगे
आंखो की नमी को
छुपा पाओगे
बस मेरी
एक आहट हुई तो
क्या खुद को
रातों के अंधेरों में
सुला पाओगे
मेरी यादों में तुम
कहीं खुद को तो ना
भूल जाओगे

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15 MAY 2022 AT 18:16

बादलों की तरह तुम
बहुत इठलाते हो
कभी आते हो
तो कभी गायब हो जाते हो
थोड़ा सा रूठे तो
बेमौसम बरसात करवाते हो
तुम में, आदाए भी है
गुरुर भी है
कि शायद, तुम्हारी बिना
सब बेमंजुर भी है

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15 MAY 2022 AT 17:58

is that we have to behave like a mature person.

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11 MAY 2021 AT 21:45

तू नदी, तो मैं धारा
तू रात, तो मैं तारा
तू आग, तो मैं ज्योति
तू सागर, तो मैं मोती
देखो.....
लगी है शर्त आज,
कौन जीतकर दिखाएगा।
इश्क़ है हमें,
कोई कैसे जताएगा।
बस इतनी सी बात है
कि.....
होगा दर्पण तेरा,
पर अक्श में तू हमें ही पाएगा।

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10 MAY 2021 AT 14:48

कभी गम की लहर
तो कभी
खुशियों का सागर होगा
क्यों हैरान परेशान
बस बादल की तरह
तू बरसना चाहता है
ज़िन्दगी ने कब कहा
कि सिर्फ खुशियां ही देगी
जो तू अपनी ज़िन्दगी से
यूं बिछड़ना चाहता है

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9 MAY 2021 AT 21:05

तेरी
मुस्कुराहट के पीछे का
दर्द पहचानती है
तू चुप रहकर भी देख
पर माँ सब जानती है

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