माँ से छोटा कोई शब्द है तो बताओ,
माँ से बड़ा कोई अर्थ है तो, बताओ..-
17 december
ना बर्ताव कर मुझ से अजनबियों की तरहा,
तेरी धड़कन से रोज़ाना मुलाक़ात होती है मेरी..-
बात अगर इज़्ज़त पे आयी ना तो तुम्हे वहाँ से उठायेंगे,जिसे तुम अपना इलाका कहते हो..
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मेरा हर किस्सा मेरा हर ज़िक्र,तुझ पे ही आकर खत्म होगा,
अब तू बोल जान मेरी.....,बात कहाँ से शुरू करनी है..-
सब्र जब हद से गुज़र जाता है तो सैलाब ऐ मौत आता है
सोच जब तेरी तलब का दर्द हद से गुज़रता होगा तो क्या होता होगा,
जब कभी तेरी तारीफ़ में हम कोई गज़ल कहतें हैं, तो तू आईना देखना,
उसका कुछ ना कुछ रंग तेरे चहरे पर भी यकीनन झलकता होगा,
कभी किसी वजह से अगर तेरी आँख में आ जाए पानी, तो तू मेरी आँखों में गौर से देखना,
तेरा वो आँसू मेरी आँख से लहू बन के टपकता होगा,
ये जो दिन रात तेरा नाम ले,ले के हम तड़पे हैं ना
मेरा दावा है कि एक बार ही सही,बेशक तू भी मेरी याद में तड़पा होगा..
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कफ़न उठा कर,ज़रा मेरा चेहरा तो देख लीजिए.... जान,
बंद हो गयी हैं वो आँखें,जो आपको देख कर शरमाया करती थी..-
इश्क़ में कुछ क़ायदे ऐसे भी निभाए जाते हैं,
महबूब के फैसलों पर सवाल नहीं उठाए जाते,
..................सर झुकाए जाते हैं..-
यहाँ इश्क़ तो इश्क़ सा करते होंगें लोग,
हम नफ़रत भी उनसे इश्क़ सी करके आए हैं..-