प्यार ना ही वजूद देखता है,
ना ही देखता हैं मुकाम।
प्यार तो बस वफा देखता हें
और देखता हैं दिल का पैगाम।
खुदा से ज्यादा खूबसरत भला कौन,
कौन भला उस सा खुश तबा।
तू और मैं ओरो सा हो ना हो भला,
हमदम तू मेरे, मैं तेरा हमनबा।
ये जहां है यार मेरा,
इसकी तू परवा ना कर।
खुद ही इसको कहा कद्र अपनी लफ़्ज़ों की,
इसकी लफ़्ज़ों पर तू गौर मत किया कर।
इश्क़ तो हैं ही आग का दरिया,
बस यहां थोड़ा तूफान भी हैं।
परवा ना कर मेरे जान- ए - जहां,
साथ तेरा ही साहिल हैं।
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