मन की बात जो पल में जान लेते थे,
आंखों से जो हर बात पढ़ लेते थे,
दर्द हो या खुशी, हर बात को पल में जान लेते थे।
पापा ही तो थे, जो हम सब को निस्वार्थ प्यार देते थे।
जलती धूप में आप आरामदायक छाँव थे,
दुनिया की इस भीड़ में कंधे पर लेकर चलने वाला पाँव थे,
मिलती थी जिंदगी में हर ख़ुशी आपके होने से,
आपकी आवाज, मेरा सुकून था,
आपका ये विश्वास,मेरा खुद पर गर्व था ।
आपकी मुस्कान, मेरी ताकत थी ,
दुनिया में सबसे ज्यादा,आप ही मेरे लिए खास थे ,
सारे घर के दिल की धड़कन आप घर की जान थे !
आपकी कमी हर पल खलती है ,
आपके यूँ जाने का गम हर पल रहता है ।।-
📱. Principal at C.D.O.B.V.P and social Media Marketing Expert By... read more
प्रश्नपत्र सी है ये "ज़िंदगी"
"जैसी है वैसी" करो स्वीकार्य
यहाँ कुछ भी "वैकल्पिक नहीं"
"सभी प्रश्न" हैं अनिवार्य ।।-
आसमां के परींदो से उड़ना सीख लो,
सूरज की गर्मी की तरह तपना सीख लो,
चाहे कैसा भी रास्ता हो मंज़िल का,
बस सपनों की राहों में चलना सीख लो।-
जमीन पर घर बनाया है..!
मगर जन्नत में रहते हैं..,
हमारी ख़ुश नसीबी है..!
के हम खूबसूरत भारत में रहते हैं ।।-
हर ख्वाब की बात है .......
कल क्या करना है ..........
ख्याल ही ख्याल है,
"रात से संवाद है"...............
एक नये सवेरे से आश है।।-
इंतजार कर रहो का .......
क्या होगा गम करने से,
वो वक़्त ना लौट के आएगा..
कोशिश कर आगे आने की ,
वो नया सवेरा लाने की ......
जो था "ख्वाब" में संग लाने का,
पहचान अपनी नयी राहों को....
अपने हुनर से पूरा कर पाने का,
"गम न करना ख्वाबों का" !!
-
किसी को कुछ मत कहो.....
"इंसानियत के लिए"
किसी के लिए कुछ तो करो !!
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तेरे वो दिखाये गये ख्वाब का
तेरे साथ हर वक़्त का
तेरे लिए मेरी मोहब्बत का
तेरे सिवा कुछ ना दिखने का
एहसास है तो सिर्फ "तेरा"
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फिर बचपन में पहुँच जाये,
जिद्द करके अपनी बात मनवा लें ,
छोटी छोटी बातों से खुश हो जाएं ..
बिन मतलब के सब कर जाएं .......
"क़ाश हम"
फिर बचपन में पहुँच जाये ।।
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खुद को भी दो ,
दो पल शुकून से सोचों ,
खुद के लिए तुमने क्या किया है....................
क्या जो हो रहा है वो तुम्हारे मुताबिक हो रहा है!
ये जिंदगी है जरूरी नही,
सब तुम्हारे मुताबिक हो..........
हो रहा है जो होने दो,
तुम खुद की सुनो और खुद चलो
कट जाएंगे हर पल,
"जिंदगी का कुछ समय"
खुद को भी दो .........!!-