Science is that,
which merges physics chemistry biology,
Which identifies the engineer doctor and scientist,
in which there is a knowledge about everything,
that's what science is called .— % &-
✍️ Author
P.G first semester
Computer teacher train... read more
ये झुकी नजर तेरी कमाल लगती है
सुबह अगर चेहरा देख लू तेरी
मने को घायल करती है— % &-
My eyes start to speak,
questioning myself,
goes from the root to not go
away from you,
it understands your silence,
when you are separated from me, it rains on its own.— % &-
जब सुकून चाहा
तुम हर पल मुझसे दूर हो गए
ना जाने क्यों मुझसे तुम रूठ से गए
अजीब कशमकश में में फस जाती हूं
फिर भी तेरी बाहों में आकर सुकून पाती थी
न जाने क्यों वह लम्हा भी मुझसे खो गया— % &-
सुबह एक कप चाय के साथ तेरी याद आती है
न जाने क्यों मुझे बार-बार सताती है
साथ में पिए हुए चाय की गर्माहट आती है
अजीब आदत लगा दिए हो सनम तुम
दूर रहते हो पर इन प्याली के साथ
सुबह सुबह तुम याद आ जाते हो
इस कदर सताना कब छोड़ोगे तुम
मुझे सुबह-सुबह अपनी यादों से दूर करोगे कब
इतनी ही बेता कर देते हो मुझे
सुबह तुम चाय के साथ
दिल करता है तुझसे लिपटकर
तेरे होठों की लाली जूस लू — % &-
मत रख मेरा ख्याल
मत कर मेरी परवाह
तुम मेरे बगैर रह सकते हो
तो क्यों पूछते हो
अपने दोस्तो से मेरा हाल— % &-
आज कोरे कागज पर अपने
दिल की जज्बात लिख देती हूं
तेरे हर अल्फाज लिख देती हूं
हमदोनो की मोहब्बत की
वो पल लिख देती हूं
हर एक राग जो तुझसे जुड़ी है
वो खुले आम लिख देती हूं
आज कोरे कागज पर
अपनी मोहब्बत की इतिहास लिख देती हूं
हमारी अटूट रिश्ते की
हर एक बुनियाद लिख देती हूं
आज मैं सारे जमाने को
अपनी मोहब्बत से रूबरू कराती हूं
बरसों से छुपी हुई तेरी मोहब्बत को
आज कोरे कागज पर सरेआम लिख देती हूं — % &-
महादेव जैसा रंग रसिया है
देखने में वो सावला है
सबके दिल पर वो राज करता है
जो मेरे मन को भाता है
— % &-
जब भी लिखती हूं
बस तेरे बारे में लिखती हूं
न जाने मुझे क्या हो गया है
मेरी कलम भी बस तेरी ही ख्वाब लिखती है
जो बातें लफ्जों से बयां नहीं कर पाती हूं
इन कोरे कागजों में उतार देती हूं
— % &-
हर वक्त आई लव यू कह के
प्यार जताना नहीं आता
हर पल अपनी प्यार के ही बारे में
तारीफ करना हमें नहीं आता
मैं अजीब किस्म की मोहब्बत
करती हूं जान
मुझे तुम्हें दिखाना नहीं आता
जब मैं साड़ी पहनूं तो समझ जाना
आज हर जगह तुम्हारी ही तारीफ होगी
बस इस कदर ही मुझे
मोहब्बत करनी आती जान
क्या करूं सब की तरह मुझे दिखाना नहीं आता— % &-