हमसे बेहतर कौन जान सकता है,तुम्हें चाहा है अरसों से,और तुम्हारे साथ छोड़ जाने के बाद भी,सिर्फ तुम्हें ही चाह रहें हैं ..! -
हमसे बेहतर कौन जान सकता है,तुम्हें चाहा है अरसों से,और तुम्हारे साथ छोड़ जाने के बाद भी,सिर्फ तुम्हें ही चाह रहें हैं ..!
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ही दर्द देते हैं,वरना ग़ैरों में इतनी हिम्मत कहां.. -
ही दर्द देते हैं,वरना ग़ैरों में इतनी हिम्मत कहां..
जो तुम्हारे साथ गुजारे थे..तुम्हें याद करतें हैं,वो दिन नहीं.. -
जो तुम्हारे साथ गुजारे थे..तुम्हें याद करतें हैं,वो दिन नहीं..
वो वक्त वे वक्त याद आता है..कभी मुस्कान बनकर तो,कभी आंसू बनकर... -
वो वक्त वे वक्त याद आता है..कभी मुस्कान बनकर तो,कभी आंसू बनकर...
अब बहुत बड़ी सी लगती है..मजाल है जो तुम,अब कहीं भी दिख जाओ हमें..! -
अब बहुत बड़ी सी लगती है..मजाल है जो तुम,अब कहीं भी दिख जाओ हमें..!
बनकर भटकती हूं,न वो सफ़र मिला अब,और न ही मुसाफ़िर..! -
बनकर भटकती हूं,न वो सफ़र मिला अब,और न ही मुसाफ़िर..!
यूं तो बहुत हैं आज़ भी,बस तुम्हारे साथ जीने की अहम थी..! -
यूं तो बहुत हैं आज़ भी,बस तुम्हारे साथ जीने की अहम थी..!
अब,कभी लौटकर नहीं आएगी...! -
अब,कभी लौटकर नहीं आएगी...!
अब कहां..गुज़र रही है ज़िंदगी...,एक मुकम्मल ज़िंदगी के लिए..! -
अब कहां..गुज़र रही है ज़िंदगी...,एक मुकम्मल ज़िंदगी के लिए..!
कच्ची मिट्टी के मकानों में रहने वाले,शहर दर शहर ऊंची इमारतों..का निर्माण करते हैं...!~~ समर्पितमजदूर दिवस.. -
कच्ची मिट्टी के मकानों में रहने वाले,शहर दर शहर ऊंची इमारतों..का निर्माण करते हैं...!~~ समर्पितमजदूर दिवस..