घर से दूर शहर में आकर,
चार किताबें संग में लाकर,
खोज रहें हैं अपना कर,
जाने कल कब क्या होगा !!— % &-
Jeetesh Baranwal
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इस संसार में
मेरी जो भी पहचान है
मेरे माँ बाप की
बदौलत ही हैं.
इन शब्दों में तलाश ना करना मेरे... read more
मेरी जो भी पहचान है
मेरे माँ बाप की
बदौलत ही हैं.
इन शब्दों में तलाश ना करना मेरे... read more
Joined 3 January 2021
3 MAR 2022 AT 11:34
8 FEB 2022 AT 21:38
पंछियों की तरह इस डाल उस डाल झूलते नहीं,
लोग जो दिल में बस जाए इक बार,
उन्हें हम भूलते नहीं-
26 JAN 2022 AT 20:58
जो कभी न टूटे यकीन वो वादा समझा है,
मैं कृष्ण तो नहीं.....
पर मैंने हमेशा तुम्हें राधा समझा है !!-
24 JAN 2022 AT 21:23
हमारी मोहब्बत भी सरकारी फाइल निकली,
न तो फाइल बंद हुई और न ही मामला आगे बढ़ा ।।-
31 DEC 2021 AT 13:28
कुछ खुशियां, कुछ ग़म देकर टाल गया,
जीवन का इक और सुनहरा साल गया !!-
22 DEC 2021 AT 15:18
नये वर्ष में नई मोहब्बत करूंगा मैं,
किसी के इंतजार का आखिरी महीना है ये-
14 NOV 2021 AT 11:13
स्कूल में समझदारी का अभाव होता है,
लड़ाई झगड़ा करना बच्चों का स्वभाव होता है।
Happy Children's Day-
9 NOV 2021 AT 13:59
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगों की तरह हम,
वक़्त की टहनी पर हैं परिंदों की तरह हम।-
7 NOV 2021 AT 14:49
वो लिखा के लाई है किस्मत में जागना,
माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र में है।-