Jayshri Mannade   (J.S.❣️)
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Joined 15 January 2020


Joined 15 January 2020
31 JAN 2022 AT 20:30

मै हर बार तुम्हे आखिरी बार की तरह देखती हूं,
तुम्हारे ख्वाब मै हर रात देखती हूं।

बताती नहीं तुम्हे, जज़्बातों को मै अपनी,
बस डायरी में मेरी हर बात लिखती हूं।

ख्याल नहीं रहता दूसरी बातो का मुझे,
पर हर बात तुम्हारी याद रखती हूं।

आंखो के सामने होते है चेहरे हजार,
पर दुनिया को मै तुम्हारे बाद देखती हूं।

कलम मेरी चलती है तुम्हारे नाम से,
मै हर बार तुम्हे सोच कर लिखती हूं।
- Js ❣️









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31 JAN 2022 AT 9:14

इंसान बना कर भेजा जिसने,
इंसानियत ही देखेगा तेरी..☝️

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25 JAN 2022 AT 23:03

मै कहां खुश हूं तुम्हारे जाने से,
लौट आओ अब किसी बहाने से,
तरस गई है आंखे तुम्हे देखने को,
अब भरता नहीं दिल आने के झूठे अफसाने से।
सदियों से कर रही हूं इंतेज़ार मै,
और तुम भी थकते नहीं रुलाने से।
संभाली हूं तुम्हारी यादों को दिल में कहीं,
जैसे छुपा कर रखी हूं जमाने से।
रूठी हूं खुद से मैं,
मान जाऊंगी तुम्हारे मनाने से,
मिट जाएंगे गम सारे मेरे,
बस तुम लौट आओ किसी बहाने से।
- js❣️

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22 JAN 2022 AT 22:44

ये रात कुछ जानी - पहचानी है,
कुछ पुरानी यादे लौट कर आयी है,
शोर है फिर वही जज़्बातों का दिल में,
जो दिल को जलाती है।

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9 JAN 2022 AT 19:55



"अगर आप दिखाई देने वाले इंसानों से प्रेम नहीं कर सकते तो आप अदृश्य भगवान से कभी प्रेम नहीं कर सकते"

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26 DEC 2021 AT 17:24

हटकर भीड़ से अलग चलना चाहती हूं,
मै कुछ पल अपने साथ रहना चाहती हूं।

वजह कुछ नहीं खामोशी की मेरी,
मै अब मौन रहना चाहती हूं।

दुनिया से हार जीत का कोई मसला नहीं,
मै अपने मन पर विजय पाना चाहती हूं।

दूर नहीं हूं किसी से मै,
बस मै एकांत रहना चाहती हूं।

चाहत नहीं है अब मुझे किसी की,
अब मै सिर्फ अकेले चलना चाहती हूं।
- js❣️



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21 DEC 2021 AT 14:11

मुझे अब भी याद आती है,
उसकी बाते उनके होने का
अहसास दिलाती है।

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18 DEC 2021 AT 14:15

ये दूरियां और तुम्हारी स्मृतियां,मुझे बना रही जैसे
उजड़े मौसम में बेचैन तितलियां
जिन्हे ना कोई फूल मिले और ना ही कलिया
अब सिर्फ दिखाई दे सुनसान बगिया।

आ जाय बारिश तो खिल जाए कलिया,
महकने लगेंगी बगिया,
और फिर मुस्कुराने लगेंगी तितलियां।
-Js❣️


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6 NOV 2021 AT 9:57

देख कर तुमको ऐसा लगा है,
आंखे ढूंढ रही थी सदियों से जिसे
वो अब मिला है मुझे।

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30 OCT 2021 AT 17:24

यदि आप निष्पक्ष होकर सारे चीजों को देखते और समझते है तो यकीनन आप पूर्ण रूप से सही फैसले ले सकते है ।

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