Jayshree Vala   ("Jassi" _✍️)
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Joined 25 April 2019


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20 OCT 2019 AT 23:11

तभी तो खोए हुए रहेते हो

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8 AUG 2021 AT 0:06

आज इन अंधेरी रातों में
जग कर सपनों कों पाने की ओर चल पड़ी हूं...

मंजिलों में कई काले बादल छाए हुए है
उनका सामना करते सपनों की ओर चल पड़ी हूं...

खुद को एकबार फिर से
खुद से मिलवाने सपनों की ओर चल पड़ी हूं...

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7 MAR 2021 AT 22:29

લખવાની કાળા પણ કંઇક અલગ જ છે...
લખો તો એક લીટી માં સંપૂર્ણ જીવન આવી જાય છે...
લખો તો દિલની વાત કોરા કાગળ પર આવી જાય છે...
લખવાની કાળા પણ કંઇક અલગ જ છે...

લખવા બેસી તો પન્ના ના પન્ના ભરાય જાય છે...
કંઇક મીઠી યાદો તો કંઇક કડવી યાદો લખાય છે...
લખવાની કાળા પણ કંઇક અલગ જ છે...

લખવામાં તો ક્યાં કોઈ ઓછું છે...
લખતાં લખતાં જીવનનાં મૂલ્યો સમજાય જાય છે...
લાખતાં લખતાં મન પાવિત્ર બની જાય છે...
લખવાની કાળા પણ કંઇક અલગ જ છે...


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10 JAN 2021 AT 19:45

जो पढ़ तो हर कोई लेगा
पर समझ कोई नहीं सकता....

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4 NOV 2020 AT 21:20

मरहम से ही मिला था जो दर्द उसका इलाज़ कैसा,
जो मिटने के बजाए और दर्द मिला उसका मरहम कैसा...?

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5 SEP 2020 AT 8:19

क्या कहूं गुरु के बारे में
गुरु के बिन अधूरा संसार गुरु ने सींचा
गुरु के बिन शिष्य अधूरा गुरु ने ही सही ग़लत सिखाया
गुरु के बिन अधूरा ज्ञान गुरु ने ही दिया ज्ञान का भंडार
गुरु से ही पूरा हुआ ज्ञान गुरु से ही संसार का सुख
गुरु के बिना कौन सही राह दिखाए गुरु से ना कोई बड़ा
गुरु में सारा संसार समाया हैं।। गुरु में सारा संसार समाया हैं।।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻 😇😇😇

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13 AUG 2020 AT 1:04

ક્યારે શું થવાનું છે... એ તો નથી ખબર પણ હા
એટલી જરૂર ખબર છે કે
આજે જે જીવન મળ્યું છે ને
એને મન ભરીને જીવવા માંગુ છું...

કોઈની વાતો ને મનમાં રાખીને નહિ...
કારણ કે જો મનમાં રાખીને જીવીશ તો ખબર નઈ કે આ જીવન કેવું
વિતશે!
માટે મન ભરીને આ સૃષ્ટિની રચના અને તેની સુંદરતા ને નિહાળવા માંગુ છું...

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31 JUL 2020 AT 21:43

कमाल करते हो जिसे ढूंढा ना जाने कहां कहां
पर वो ही ना जाने तुम्हें की तुम कौन हो...

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31 JUL 2020 AT 21:38

हर रोज एक नई कहानी को देखती हूं हर बार एक नया मोड़ देखा
रोज़ बदलते देखा रिश्तों को, कोई अपना होके भी अपना नहीं
और कोई अपना ना होके भी अपना बन जाता हैं
ये वक्त वक्त की बात हैं...

हर कोई बदलता है एक एक सेकेंड में
ना जाने कब तक चलेगा ये सिलसिला
हर दिन एक रिश्ता टूटता
हर दिन एक दिल टूटता
ये वक्त वक्त की बात हैं...


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30 JUL 2020 AT 23:30

थे दो दिल एक जान
फिर क्यों आज हुए दो जान
हर वो एक बाते अनकही सी
कुछ नई शुरुआत, तो कुछ नए सफ़र,

तो क्यों आज सब बिखरा सा
क्यों आज दो दिल हुए अलग
अब आंहे भरे इश्क की...

हर एक लम्हा अब मुश्किलों से है गुजरता
वो तुम्हारी मुस्कान, तुम्हारी बाते
तुम्हारी वो सारी यादें ना भूल सकती
सारी यादे आती नज़रों के सामने
आंहे भरे तेरे इश्क की...

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