लिख लेता हू अपने ख़यालो को किताब के इन खाली पन्नो पर छुपा लेता हू अपने आंसु को हाथों कि इन खाली लकिरो मे इक ख़याल तेरा भी आया जहन मे दिल को तोड़कर कर रख दिया तुने बढ़े सलीके से संभाल कर रखा इसे लिख लेता हू अपने ख़यालो को किताब के इन खाली पन्नो पर
Thood kr rah diya hai Usne mujhe isqdhar Ki ab dekhar usse jee leta hu Ab nahi pata ki tu khuse hai ya nahi Ki ab tooh tujhe khus dekhar Kush ho liya krta hu Maana tere gum ke gunahgar hum hi hoge Barna itna kush nashib duniya main kon hoga
gurur na kr tu khud pr itna bhi Kyuki dil mera yeh bhut bada hai Samajh aa jaata hai sab mujhe Per phir bhi thuje maaf kr deta hu Or Samajh aa jaata hai sab kuch mujhe Per phir bhi thuje maaf kr deta hu gurur na kr tu khud pr itna bhi
गुलाब की खुश्बू की तरह है इश्क तेरा, जिसे महकती है ज़िन्दगी मेरी, गुलाब की पंखुड़ी की तरह है ख्याल तेरा, जिसे दमकता है आशियाना मेरा, गुलाब के रंग कि तरह रंग दिया है ज़िन्दगी को मेरी, जिसे दमकता है पैमाना मेरा, गुलाब की खुश्बू की तरह है इश्क तेरा,
ख्वाहिशों की बारिश की तरह हो तुम मेरे लफ्ज़ो का पहला सुकून भरा एहसास हो तुम ख्वाहिशों की बारिश की तरह हो तुम मेरे आंखों का पहला नज़रिया हो तुम मेरी पहली मंजिल का पहला रहनुमा हो तुम ख्वाहिशों की बारिश की तरह हो तुम मेरे पहले लम्हे का पहला एहसास हो तुम ख्वाहिशों की बारिश की तरह हो तुम
मुद्दते शिखर तक पहुंच गई, पर का ख्वाहिशों कोई अंत ना हुआ, ख्वाबों कि तरह सी हो गई है ज़िन्दगी में मेरी, मुद्दते शिखर तक पहुंच गई, पर का ख्वाहिशों कोई अंत ना हुआ, लेकर मैं अपनी तकदीर को राह पर यूं चला, मुद्दते शिखर तक पहुंच गई, पर का ख्वाहिशों कोई अंत ना हुआ,
लिख देना ऊंगलीयो से मेरे माथे पर अपना नाम, चूम लेना अपने होंठों से मेरा हाथ, पोंछ देना अपने हाथ से मेरी आंखों के आंसु, लिख देना ऊंगलीयो से मेरे माथे पर अपना नाम,
मंजिल की ख्वाहिश में, तन्हा अपनो से दूर, मैं नहीं जानता,कि क्या ख़ोज रहा हूं मैं, अपने हाथ और हौसलों कि इन धुंधली सी लकीरों में, रास्ते के इस इन्तिहान में मन डर और सम्भल जाता है, रख कर अपने हौसलों को बुलंद फिर मंजिल कि ओर, रुख को अपने मोड़ लेता हूं।