Jaydeep ❣️💜❣️   (जय 🪔)
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Joined 7 December 2020


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Joined 7 December 2020
12 FEB 2022 AT 11:44

हर दर्द में भी मुस्कुराना होगा तुम्हें,
जख्मों को भी भुलाना होगा तुम्हें।
रहना है गर साथ हरदम जान मेरी,
एक दफा सीने से लगाना होगा तुम्हें।

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27 OCT 2021 AT 8:41

ऐ चांद क्यूं करता है
गुरूर अपने नूर
पे,
रब ने एक सितारा
जमीं पर उतारा
है..
Wish u very very
Happy Birthday
Bhai
💐🎂💐

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8 JAN 2022 AT 22:57

चलो मोहब्बत से भी खूबसूरत, कोई रिश्ता रखते हैं हम,
जान से भी ज्यादा, एक-दूसरे का ख़याल करते हैं हम।
अब से न हो तेरे चेहरे पे मायूसी, न मेरी आँखों में आँसू होंगे,
हंसते मुस्कुराते ज़िन्दगी के हर एक लम्हें को जीते हैं हम।।

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5 JAN 2022 AT 20:51

कुछ लोग ज़िंदगी में
आते हैं अजनबी बनकर
और कब जिंदगी बन
जाते हैं पता ही नहीं
चलता.. तुम वही हो
मेरे लिए...❣️💜❣️

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3 JAN 2022 AT 19:15

मांगी है रब से ये दुआ कि हांथो में बस एक तेरा हांथ हो,
खुदा बख्शे मुझे ज़िंदगी उतनी जिसमें बस तेरा साथ हो।

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1 JAN 2022 AT 21:31

साल के पहले ही दिन को,
खुशनुमा कर दिया तुमने,
उलझन में था जो दिल,
उसे हल्का कर दिया तुमने।
जब भी ढलके आंखों से आंसू
मेरे होंठो को हंसी दी,
जुड़कर मुझसे, जिंदगी को मेरी
खुशियों से भर दिया तुमने।।

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25 DEC 2021 AT 20:54

रुकते नहीं आंखो के आंसू, सबकुछ बहुत अजीब लग रहा है,
जितना दूर है वो मुझसे, मेरे उतना ही करीब लग रहा है।
कुछ अनकहा सा है जो मैं समझ नहीं पा रहा या वो कहना नहीं चाहते,
एक शख्स जो मेरी किस्मत में नहीं है, वो मेरा नसीब लग रहा है।।

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21 DEC 2021 AT 17:30

जी भरकर भी देखूं तुम्हें
तो ये दिल भरता नहीं,
तेरी आंखों की कशिश के सिवा
कोई जाम मुझपे चढ़ता नहीं।
तेरे मुखड़े की चमक ऐसी
की चांद भी तेरा सजदा करे,
लाख दुवायें, लाख मिन्नतें करी खुदा से
फिर भी तू तस्वीरों से निकलता नहीं।।

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12 DEC 2021 AT 23:00

मत पूछना कभी तुम हाल मेरा, शायद मैं बता भी न पाऊं,
तुम्हारे लिए है जो दिल में मेरे, शायद वो जता भी न पाऊं,
तुम्हीं कहते थे मत याद करो मुझे इतना, पागल हो जाओगे "जय",
तेरे बगैर बिखर जाऊंगा मैं, तेरी यादों को शायद भुला भी न पाऊं।

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25 NOV 2021 AT 22:11

तू शायर नहीं है जानता हूं,
पर तेरी लिखी शायरी पढ़के मुस्कुराने का मन करता है,
जब भी पढ़ती है तू आंखें मेरी,
तेरे बुदबुदाते होंठों को ख़ामोशी से देखने का मन करता है,
तू नादान नहीं, समझदार है,
पर तेरी हर एक बात में नादानियां देखने का मन करता है,
तू करती होगी किसी और से तारीफें मेरी,
पर यारा तेरे मुख से अपनी तारीफें सुनने का मन करता है,
मैं अनजान हूं तेरी हर एक अदा से,
तेरा न होकर भी उम्र भर बस तेरा होने का मन करता है।

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