दिल से मैंने हज़ारों बे–दिली की
फिर भी क़ायम है तुमसे मोहब्बत का सुरूर..!-
31 MAR AT 11:20
31 MAR AT 10:59
तुम्हारे यादों के ज़ख्म कुछ इस तरह भरने लगे
तेरे नाम से आते ख्यालों को भी हम बदलने लगे..!-
2 DEC 2024 AT 8:13
यूंही नहीं गिरते ख्वाहिशों के फूल झोली में
या तो आंचल फैलाना होगा पारिजात के तले ..-
21 NOV 2024 AT 17:47
मैं क्यों कहूं उस से कि मुझसे बात कर ले
क्या उसे नहीं पता उसके बग़ैर मेरा दिल नहीं लगता
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8 SEP 2024 AT 0:32
मुट्ठी में छुपा लेते हैं वो मेरे आंखों के जुगनू
कहते हैं हमारे अंधेरों को रौशन करेगें..!!-
8 SEP 2024 AT 0:05
कुछ खटकता तो है पहलू में रह रह कर
ख़ुदा जाने तेरी याद है या तेरी ग़ैरमौजूदगी का असर-
13 AUG 2024 AT 1:34
और आकर चल दिए न फर्क पड़ा एक कण के लिए
फिर तुम आए यूं सामने से चल..चैन और करार लिए
नींद और ख्वाब लिए..धड़कनों का साज़ लिए
मुस्कुरा कर चल दिए..हमारी खुशियों का मिजाज़ लिए-