Jayanti Kachhap  
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Joined 28 June 2019


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Joined 28 June 2019
18 APR 2024 AT 5:03

डर किस बात का
हाथ थाम लो मेरा
कही न हो बात किसी से मुझे कहो
सुकून , दर्द, प्यार किस्सा जीवन का हिस्सा
धीरे गले लगकर कुछ न कहना
तेरी खामोशी भी पढ़ लेंगे
और तेरे लिए दुनिया बदल देंगे ,
बड़ी बाते है।
और डर किस बात का है तुम्हें...
हथेली पे तेरे खुद को रख लेंगे
चाहो जितना तुम उतना दूर ही चलेंगे।


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6 APR 2024 AT 0:00

कुछ लोगों को सम्मान नहीं पसंद होता
इसलिए
अपना सम्मान और समय बेगैरो पर खर्च ना करे

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14 FEB 2024 AT 17:16

बिन मौसम बारिश ये याद दिलाता है मुझे
बारिश में भले ही हमने साथ में वक्त गुजारा ना हो
पर मेरे आंखों से बहते हुए हर अश्क में
वो मेरे साथ रहा है

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14 SEP 2023 AT 23:03

पुराने जख्म कभी नहीं भरते
वक्त बेवक्त जख्मों दर्द होता रहता हैं

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12 AUG 2023 AT 21:32

सिर्फ उसी का हो कर रहना
उसके चुलबुले पन को समझना
बिन कहे उसकी सारी नाराजगी दूर कर देना
खुद से पहले उसके उसे प्यार करना
वो रूठ जाए तो माफी मांग कर माना लेना
उसकी खुशी के लिए उसकी पसंद का अपना लेना
सिर्फ .... उसी का हो कर रहना

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11 AUG 2023 AT 16:56

गाड़ियां गुजर रही थीं लोग गुजर रहे थे ।
जिसका इंतजार हमे था ,
वो नहीं दिख रही थीं।

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12 JUN 2023 AT 3:03

रात सारी कट जाती है।
पर निंद नहीं क्यों आती है।
जागे जागे आंखें सूज जाती है।
बिन कहे ही सारी बात खुद कह जाती है
ये आंखें ही है जो हार राज बता देती है।

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12 JUN 2023 AT 2:55

अक्सर मैं उससे टकरा जाती हु।
उन रास्तों में जिमेने साथ चला था

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10 MAY 2023 AT 8:49

किसी के लिए नफरत की आग उतनी ही रखो
जितना तुम बुझने की छमता रखते हो
ज्यादा उबाल नफरत की
तुम्हे ही जला कर राख कर देगी ।

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17 MAR 2023 AT 15:59

पढ़ना और लिखना
होती मस्तियां और घूमना फिरना
जरूरी नहीं होता
जिमेदारी उठाना
ना होता कठिन रास्तों से गुजरना


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