रुपयों को ज़िंदगी बना बैठे...
कत्ल रिश्तों का करने वाले...-
Jayant Sharma
(Jayant Sharma)
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शब्दों का सौदागर
Joined 21 September 2020
YESTERDAY AT 11:55
हर चोट करेगी मेरे हौसलों की अफजाई...
टूट कर बिखर जाऊँ वो शीशा नहीं हूँ मैं...
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19 MAY AT 20:58
अपनी मिल्कियत से मैंने कुछ जायदाद कम कर दी...
जिनसे बोझिल था उन रिश्तों की तादाद कम कर दी...-
18 MAY AT 11:12
जनाजा रहबरी करता हैं पीछे चलने वालों की...
रास्ता उन्हें दिखाता जो मंजिल को भूल बैठे हैं...-
18 MAY AT 9:56
गुरुर नहीं किया अपनी अजमतों पे कभी...
फिकरों का कभी कोई हिसाब नहीं रखा...-
15 MAY AT 20:16
हम इतिहास की तरह थे,ठहरे रहे ताउम्र...
लोग भूगोल की तरह थे,बदलते चले गये...-