Jaya Yadav   (seher)
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Joined 1 June 2020


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Joined 1 June 2020
24 JAN 2021 AT 10:08

किस्से बहुत हैं हमारे बोलो अपनाओगे क्या?
हस्ती नहीं तुम हमारी अपनी बनाओगे क्या...

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1 DEC 2020 AT 19:35

रूहानियत की तलब क्यूं हर दफ़ा है
फितरत है या फ़िर से कहें पहली मर्तबा है...

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25 SEP 2020 AT 20:37

हर बढ़ते कदम के साथ ऐ दिले नादान...
तूं पीछे क्यूं भागता है?

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30 AUG 2020 AT 21:53

मेरे दिल के छोटे से मकां में...
कुछ यारों ने आसमां बना रखा है...

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29 AUG 2020 AT 20:15

मासूमियत की जन्नत सा है दिल इन बच्चों का
जैसे कि रब ज़मीन पर उतर आया हो
मुस्कुरा दें कहीं तो दिन बन जाए
रो दें तो कलेजा ही फट जाए
मानो एक एक हरकत इनकी जैसे एक माया हो...

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28 AUG 2020 AT 23:46

सब छोड़ कहीं दूर निकल जाने को जी चाहता है
डूबते हुए सूरज से मिलने को जी चाहता है
भोर की सुनहरी किरणों को छूने को जी चाहता है
धूल के उन थपेड़ों के साथ चलने को जी चाहता है
स्वावलम्बन की वो चादर ओढ़ने को जी चाहता है
चीखने को जी चाहता है चिल्लाने को जी चाहता है
कभी फ़िर यूं ही फूट फूट कर रोने को जी चाहता है
हाड़ मांस का पुतला नहीं
किसी आत्मा का शरीर होने को जी चाहता है
खेल है क्या स्त्री होना?
कुर्बानियां देकर भी मुस्कुराना जैसे कहां कोई मसला है?

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24 AUG 2020 AT 17:41

ज़िन्दगी चाहती थी बर्बादियों के कभी छल्ले बनाएं हम भी...
अरे कैसे मेरी जां!
सुना है चिंगारी अक्सर घर जला देती है सभी...

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22 AUG 2020 AT 0:05

Dishonesty
Judgemental
Emotional Unavailability

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20 AUG 2020 AT 13:45

1000+ likes in a week!
I'm so happy!
Thank you so much...
My YQ FAMILY! ❤️

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19 AUG 2020 AT 14:36

एक तस्वीर किसी पैसों के संदूक सी
आज भी मेरी अलमारी में पड़ी है...
कीमती संदूक जो सब नहीं देख सकते
ना ही खर्च ही कर सकते...
जो कभी कुछ ढूंढते वक़्त
देखकर खिलखिला पड़ती है मुझपे…

जाने कैसी अमीरी का एहसास दिलाती...
अमीरी चमकीली आंखों की
अमीरी मासूम सी मुस्कान की
अमीरी स्वर्ण के नन्हें हाथों की पैरों की
या शायद अमीरी तुम्हारे बचपन की...




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