मुंह फट हूं , बनावटी नहीं मन में जो हो बोल देती हूं बोलने के लिए कोई साजिश नहीं दिलेर बंदी हूं बाते बनाना नहीं आता सब सीधे सीधे बोल देती हूं मुंह फट हूं मगर छलावे के साथ जीना नहीं आता जीने का सीधा अंदाज़ रखती हूं जो हो बात जैसी भी सब बोल देती हूं हा मुंह फट हूं हो जो भी मन में सारे राज खोल देती हूं