गुज़रते गुज़रते ज़िन्दगी गुज़र रही हे ए उमर जरा थम् हमने अभी ज़िन्दगी जी ही नहीं हे
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writer and author, co-author of 10 (Anthologies) solo boo... read more
Meri bechainiyan Mujh Tak Nahin Rahengi dekh Teri Raaton Ko Bhi kharab Karke Rahengi
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सब्र ए -जाम हम भी आजमा रहे हैं,
कि देखते हैं कब तक प्यास ना लगेगी,
लगाकर. आग तुम भी हाथ तप रहे हो,
कि देखते हैं कब तक आग ना लगेगी-
कि राख मेरे दिल की उठा ना पाएगा तू,
इतना न जला उसको कि बुझा ना पाएगा तू
जख्म देकर उसको निशान ए खून पाएगा,
दागदार होकर छुपा ना पाएगा तू
दर्द जो छुपा है दवा है दफन है,
छेड़ ना कि सैलाब में बह जाएगा तू-
तुझे देखने की आदत सी पड़ गई जब तू नहीं दिखा तो जान निकल गई दिल है कि ढूंढता है काफिरों की तरह तुझे आंख है कि आंसुओं से नम हो गई
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तेरी याद जब भी आती है मैं और मेरी मेरी जिंदगी बाकी है कुछ खत्म नहीं हुआ अभी एक शुरुआत बाकी है लहरें रुकी तो थी एक तूफान के आने के बाद अभी खुशियों का सैलाब आना है बाकी है
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बहुत थकान के बाद अक्सर उसकी याद चली आती है
उसकी बाहों में सुकून की कशिश जाग जाती है
माना कि उसे फर्क नहीं पड़ता है मुझसे मगर अक्सर मुझे याद करने की आहट सुनाई देती है
दिन में जूझ लेती है जो आंखें हर तूफान से
रात में वही आंखें बारिशों में ghir जाती है
बहुत थकान के बाद अक्सर उसकी याद चली आती है
माना कि कभी दिया नहीं जो अरमान थे फिर भी, उसकी चाहतों की चाहत नहीं जाती है
बहुत थकान के बाद अक्सर की याद चली आती है
वह करता नहीं होगा मेरा जिक्र भी किसी से,
मेरी हर ग़ज़ल में उसकी मौसिकी की चली आती है
हम भुलाना भी चाहे उसको मगर हर शाम के बाद उसकी याद चली आती है
बहुत थकान के बाद अक्सर उसकी याद चली आती है #Gajal-
ज्ञान अभी मरा नहीं
ज्ञान अभी मरा नहीं कि चंद सांसे बाकी है माना कि वक्त ढल रहा है इसकी अदायगी की शान बाकी है
ज्ञान अभी मरा नहीं कि चंद सांसे बाकी है
माना कि वक्त आ गया रंग बिरंगी कागज का जो सफेद पर लिखा गया उसका असर मिटा नहीं
ज्ञान अभी मरा नहीं चंद सांसे बाकी है
सड़ रही इंसानियत मर रहा इंसान है खुशबू मगर बिखेर रहा हर तरफ यह ज्ञान है
मौसम नहीं है मौसमी हवाएं बदहवास है फिर भी महक बिखेर रहा हर तरफ यह ज्ञान है
ज्ञान अभी मरा नहीं कि चंद सांसे बाकी है
जो दूर है इससे बहुत उनके लिए कुछ नहीं
जो गुजार गए ताउम्र उस पर उनके लिए यह आन है
किताब एक शब्द है जीवन इसके बिना निशब्द है जिसने शब्द पढ़ा नहीं जीवन उसका निरर्थक ज्ञान अभी मरा नहीं चंद सांसे बाकी है-
एक नजर भर के देख लूं ,
तुम्हें तुम जो करीब आ जाओ,
संवार लू तेरी दुनिया सुलझा दूं तेरी उलझन,
प्यार से संभाल लू जो तुम जो गर बिखर जाओ|-