अब तो मरने का भी कोई गम नहीं
तुमहारी बातें मार डालने से तो कम नहीं..💔💔-
सुनो न आ जाओ कभी यु ही
मन की सुखे आंगन को भीगा दो यु ही
गले लगा लो हमें और भीगनें दो
आंसूओ से अपनी कमीज..
की हमें तुमसे चुपके से ये कहना है
बंजर नहीं हुं मुझमें बेहिसाब नमीं हैं
कभी बयां न कर पाई दुख अपना
बस इतनी सी कमी हैं.. 💔💔-
जीवन में जब भी अकेलापन लगे,
खुद को कमजोर महसूस करे..
हाथ थामे..
अपने एक हाथ से दूसरे को..-
फिर हुआ यु एक दिन..उसने कहा हमसे
शकल देखी है अपनी
हम मुसकुराये और कहा हां रोज..
पर शुकिया आपका
आज दुनिया दिखा दी आपने..❤❤-
बस तेरा ही हूं यह कह देते जरा
माना की तेरे जहां में अब मेरा
वजूद न सही पर कसम उन पलों की
जब दो जिस्म एक जान दे हम उन की अहले वफ़ा
रख लेते जरा..कब रोका हैं मैंने तुम्हें न आने से न जाने से
जाओ तुम अपने जहां सदा खुश
रहने के लिए पर चलो तुम भी
झूठा ही सही कह देते ज़रा..-
नहीं रह पाओगे मेरे बिना
यु बिगड़ के जो चले गए
एक पल भी रह पाओगे
क्या मेरे बिना
सुबह से शाम के हर पल की
खबर जिसको रहती थी
क्या बेखबर रख पाओगे उसके बिना
लौट आओ न देर हो रही हैं
अब जिस्म जान जुदा हो रही हैं
बेजान मुझको ही पाओगे अपने बिना..-