Jaya Kushwaha   (Jaya Kushwaha "ॐ")
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Joined 2 November 2018


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21 OCT 2022 AT 15:33

हर पल खुशियाँ ढूँढूँ,
जिंदगी तेरे नए पुराने किस्से खोलूँ|
कुछ सपने कुछ अपनों के संग
हर पल मैं जी लूँ,
ख्वाबों सी इस हकीकत की
दुनिया में थोड़े और रंग भर लूँ,
थोड़ी और पास आ ऐ ज़िंदगी
तुझ में फिर अपने जीने की वजह ढूँढ लूँ,
थोड़े खट्टे ,थोड़े मीठे एहसासों को भर लूँ|

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23 OCT 2021 AT 13:11

"हम तो उन गलियों में भी बदनाम हैं
जिनसे कभी गुजरे भी नहीं,
बेवजह दास्तान के ,जो सबके अरमान है
उनमें किरदार तो अभी उतरे ही नहीं|"

"शराफ़त कहाँ इस दुनिया को मंजूर है
यहाँ हर कोई दूसरों को डुबोने में मशगूल है|
चाँद को जो हर रोज यूँ दीया दिखाते हो ना
चाँदनी रातों के किस्से तुम्हारे भी मशहूर हैं|"

"ज़माने के लिए हँसी भी इक फ़साना है
उनको तो बस मोहब्बत का नाम देकर सताना है|
जरा अदब से चलियेगा यही जताना है,
अब तुम पर ही कई नजरों का ठिकाना है|"

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11 SEP 2021 AT 21:47

भावनाओं को अश्रुओं से सींचकर
खाद, यादों की डालते हैं
हो सज्जित यह विरही पौधा
भ्रम की खरपतवार हटाते हैं
इक डाली पर बैठे दो परिंदे
मीलों की दूरी पाते हैं
आसमाँ में प्रेम धरा में स्नेह
हिय की पीर मिटाते हैं
कह न सकें जो है, उर की तृष्णा
वो हो पुष्पित धीर से ,सह जाते हैं
हो उज्जवलित जो यह दिव्य भाव
दे सहर्ष स्वीकृति यह उपवन सजाते हैं |

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13 AUG 2021 AT 18:30

पहन लो हँसी का यह मुखौटा ,
कि दुनिया आँसू न समझ सकेगी|

समेट लो इन मोतियों का बिछौना,
कि यह आँखें भी तुम्हारा हाल न कह सकेंगी|

जितने बहेंगे आँसू ,कठिन होगी ये नौका,
होगी तुम मझधार में न पतवार कोई मिल सकेगी|

ढँक लो यह वेदना का झोंका,
तब ही तुम अविचल रह सकोगी|

सब दुःख सह सकोगी,
यह युग बदल सकोगी|
मातृत्व की छाँव लिए शक्ति,
तुम नारीत्व की मिसाल बन सकोगी|

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12 AUG 2021 AT 21:46

मिलने की आस मन में,
कब से इन्तजार किए
तड़प बेसुमार दिल में,
कुछ कहने का ख़्वाब लिए

उमड़ती लहरें आँचल में, पाषाणों से टकराव लिए
पहुँची जो समंदर के आँगन में,समा जाने का भाव लिए

हूँ मगन मैं जल में,
अबकी बारिश का भार लिए
नदीश व्यथित सदन में,
नदी ने हिलोरें शांत किए

सूख गई वह तट में, नयनों में सुरम्य छाँव लिए
है यह भी मिलन प्रेम में, प्रेम को ही साकार किए

हो उज्जवल तट प्रांगण में,
तेरी ही हस्ती जिए
मिट जाऊँ हर बार तुझ में,
मुझे यह जो सौभाग्य दिए|

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11 JUL 2021 AT 8:23

👇

फ़िर एक नए सफ़र की शुरूआत |

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8 JUL 2021 AT 8:25

जीवन में सिर्फ़ गंभीरता ही नहीं,
जीवंतता भी होनी चाहिए|
उसे कसकर पकड़ने की कोशिश न करिए,
खुला छोड़ दीजिए ..
और बस खुशी के साथ जिए जाइए|
😊Good morning 😊

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11 JUN 2021 AT 21:44

हार क्या है?

एक लिखने वाले की तब हार होती है
जब वह एहसासों को लिख रहा हो,
और पाठक शब्दों की तुकबंदी में उलझ कर रह जाए|
उसके भावार्थ से हटकर शब्दार्थ में अटक जाए|

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27 MAY 2021 AT 1:01

हर तलाश अधूरी रह जाती है मेरी, अपनी ही चौखट पर,
सोचा है कर दू पूरी हर ख़्वाहिश तेरी, तेरे ही शर्तों पर |

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26 MAY 2021 AT 8:37

नई सुबह, नई किरण, खुशियों का नया किनारा हो ,
उड़ जाऊँ एक मुस्कान लिए,अपना आसमान सारा हो|

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