दिखावे की ज़िन्दगी में खुशी पल भर की
पर दिखावे की ज़िन्दगी सुकून छीन लेती
दिखावे की ज़िन्दगी में बड़ी मशक्कत होती
गर ना मिले तारीफ़ मेहनत मिट्टी मोल होती
न मिलता दिनको चैन न रातको आराम
दिखावे की ज़िन्दगी में हमारी नींद हराम
दिखावे की ज़िन्दगी में खुशियां तबाह होती
एक ख़्वाहिश हो पूरी तो दूजी जागृत होती
दिखावे की ज़िन्दगी हमें खोखला कर देती
कुछ पल की चमक, सौगात में अंधेरा देती
दिखावे की ज़िन्दगी ,कभी होती नहीं स्थाई
सादगी भरी ज़िन्दगी,है सब के मन को भाई
ना सोच तेरे साड़ीसे मेरी साड़ी सफेद कैसी
दिखावे की ज़िन्दगी की करो ऐसी की तैसी.
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