मीठी जलेबी
मीठा मन
मीठी बातें
मीठा प्यार
मीठी आहें
मीठा संसार
सब मिल है तो जीना हो जाये आसान
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जब सामने मुश्किलें खड़ी हों
बस तुम्ही याद आते हो
मुस्कुराहट होती है जब चेहरे पर
तो तुम्हारी दया होती है हम पर
कभी अकेला ना छोड़ो हमको
देखो सामने दिखूंगी हमेशा तुमको
बसअपना हाथ रखे रहो मुझपर
तेरे रहम की हूँ शुक्रगुज़ार
तेरे रहम की हूँ शुक्रगुज़ार
तेरे रहम की हूँ शुक्रगुज़ार
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अपनी बेबसी की नुमाइश ना करना
हार को भी अश्कों में छुपा रखना
साँसे हैं अनमोल इससे दूर जाने की फरमाइश ना करना-
खुश रहो " शालिनी " तुम पर खुदा रहे मेहरबान
" संजय " सदा करें तुम्हारा गुणगान
" गौरी " - " ईशु " दिलायें जग में ऊँचा सम्मान
सदा स्वस्थ व मस्त रहो यही " जया " के अरमान
खुशियाँ दे अनन्त यह जन्मदिन
खुशियाँ दे अनन्त यह जन्मदिन-
"यथार्थ "
मैं " मौत " हूँ मुझसे क्या घबराना
मैं यथार्थ हूँ मुझसे क्या घबराना
जन्म के बाद मैं ही हूँ मुझसे क्या घबराना
दुनिया के झमेले में मैं ही हूँ सच्चा मुझसे क्या घबराना
खुदा के दरबार से सीधा है मेरा याराना
तब तक ही दूर हूँ तुमसे जब तक लिखा है उसने परवाना
रिश्ते - नाते जैसा बंधन नहीं है मेरे लिए पैमाना
जब कहता है " खुदा " तभी है मुझको आना
जब कहता है " खुदा " तभी है मुझको आना
मैं यथार्थ हूँ मुझसे क्या घबराना
मैं यथार्थ हूँ मुझसे क्या घबराना
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" कविता "
भावनाओं की सृजन है कविता
प्यार की पक्तियाँ है कविता
अहसास का झरोखा है कविता
दर्द की आवाज़ है कविता
सपनों की छाया है कविता
कोरे कागज़ से गुफ्तगू है कविता
जीवन का सार है कविता
अनकहे अल्फ़ाज़ है कविता
जज़्बातों का दर्पण है कविता
रिश्तों का ताना - बाना है कविता
उंगलियों की सरगम है कविता
दिलों की उद्गार है कविता
दिलों की उद्गार है कविता-
" सुप्रभात "
सुन चिड़ियों की चहकन
भौरों की गुनगुन
देख उदित सूरज की लाली
आज फिर से मिलने आई तुझसे खुशहाली
कर नमन और लगा ले गले
नवउर्जा खुद में भर ले
सब रब की मेहर मानना
सुंदर दिन हो यही कामना
" सुप्रभात "
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ऐ "मुश्किल" यदि तू मुलाकात करना बंद कर दे तो सबकी ज़िन्दगी का वजूद खत्म हो जाएगा
" मुश्किल है तो ज़िन्दगी है
ज़िंदगी है तो तू है"-
गुनगुनाती हवाओं के साथ बचपने की तलाश
काश फिर लौट जाएं जीवन के उस पार
चिड़िया उड़ - कौवा उड़ खेलें
खेलें आइस - पाइस
चोर - सिपाही - राजा - मंत्री खेल
लूडो में बने सरताज
गुड्डे - गुड़िया की शादी करा
बन जाएं सास और ससुर
टीचर - टीचर खेल कर
बच्चों को करें फेल
गुस्सा - गुस्सी कर फिर कर लें मेल
ईंटों का महल बनाएं
रेत में बनाएं गुफा
हवाओं का रुख देख पतंग उड़ाएं
आते - जाते अंकल को बोलें फूफा
नारे लगाये चिल्ला - चिल्ला कर
बिना मतलब समझे गाये गाना खिलखिला कर
काश फिर लौट जाएं जीवन के उस पार
गुनगुनाती हवाओं के साथ
बचपन की तलाश - बचपने की तलाश-