मुश्किलों के दौर में कभी हताश न होना,
विपरीत परिस्थिति में कभी निराश न होना,
जाने किस मोड़ पर अपनी विजय से मुलाकात हो जाये,
अपनों और गैरों की पहचान हो जाये,
हम तो जहाँ थे वहीं रह जाएं,
द्वेषी और दंभी की मुस्कान उतर जाए।।
@जया गुप्ता🖋️
19/10/2021
5:44pm-
हसरतें तो बहुत हैं ज़िन्दगी में
कुछ तो पूरी हुईं ,कुछ कहानी बन गईं और अभी कुछ अधूरी हैं,
अब जाने कितनी पूरी होंगी अपनी इस बन्दगी से,
हसरतें तो बहुत हैं ज़िन्दगी में।।
-
*चीत्कार की पुकार*
कब तक चीत्कार भरेगी आहें.......
क्यों नहीं सूली पर होता ऐसा मन ?
कुछ ही होता जग जाहिर ....
औरों पर तो पड़ा रहता पर्दा !!
धिक्कार है ऐसे नर की...
जो खुद जन्म लिया है नारी से !!
काहे की सरकार , काहे का कानून.....
सिर्फ दिखता चार दिन का आक्रोश.......
तड़पती माँ , तड़पती बेटी , तड़पती रहतीं सांसे !!
ना कल ने कुछ किया .....
ना आज ने कुछ किया.....
आसार ऐसे ही दिख रहें हैं ये सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा !!
कभी जाने में कभी अनजाने में सिसकती रहेंगी आँखे.....
छणिक आवेश के लिए भटकता रहेगा ऐसे ही मन...........
ऐसों को मिलेगा तभी सबक जब फाँसी पर चढ़ेगा तन !!
ना जला कर दिखाओ मोमबत्ती यारों.....
ना दौड़ों सड़कों पर........
जननी की लाज बचाने को !!
कर सकते हो तो करो प्रदर्शन......
सिर्फ जालिम को फाँसी पर चढ़वाने की.....
और कोई दूजी राह नहीं अबला को बचाने की ।।
@जया गुप्ता
30/11/2019
9:59 pm-
टूटा है अभी सिर्फ संपर्क चाँद तुझसे
अटूट है सम्बन्ध मेरे चाँद तुझसे...........................
तू तो है ही नखरे वाला
अमावस से पूर्णिमा तक दिखता अपना जलवा...................
नफासत दिखाने की आदत है हमेशा से तुझमें
कुछ मटक कर - कुछ इठलाकर फिर बुलायेगा हमें..............
इस बार तो मैं भी झलक दिखा कर लौट आई
अगली बार मैं तुझपर राज करूँगी भी मेरे चाँद भाई.............
जल्दी आऊँगी लेकर रक्षासूत्र
बाँध तेरी धरती पर तुझे बनाऊँगी सबका मित्र.......................
टूटा है अभी सिर्फ सम्पर्क चाँद तुझसे
अटूट है समंध मेरे चाँद तुझसे..........................
@जया गुप्ता
7/9/2019
1:36 pm-
अरे गुरुर ! तू मेरे साथ है
चल तुझे शमशान घुमा लाऊँ
तुझे तेरे अस्तित्व से मुलाकात करा लाऊँ
तू चाहे जितना अभिमान बढा मेरा
मेरे शमशान को डेरा बनाने के बाद
साथ तू भी मिट्टी में मिल जाएगा
अपना दायरा सीमित कर ले
अपने आलिंगन से मुझे मुक्त कर दे
अपने मोहपाश से दूर भगा और
मुझे अपनों के पास भेज दे
मुझे अपने में ना ढाल
क्योंकि ---------
जो वक़्त के साथ ढलता चला गया
वो हर मोड़ पर आगे बढ़ता चला जाता है
वो हर मोड़ पर आगे बढ़ता चला जाता है ।।-
" मेरा सैनिक "
लिपट गया तिरंगा तेरे बदन में
सिमट गईं यादें तेरी मेरे मन में
जाते हुए अनेक सपने दिखा गया था
वापस आने पर तुझे जिसे साकार करना था
पर अब तू तो कहानियों में समा गया
तेरी बहादुरी ने हकीकत का आईना दिखा दिया
तेरी यादें रहेंगी साथ सदा ज़ख्म बनकर
तेरी बातें सदा रुलायेगी सदा आँसू बनकर
पर मुझे फख्र है कि अपनी ज़िंदगी कुर्बान कर दी अपने वतन के लिए
और मैं रह गई अपनों के फ़र्ज़ निभाने के लिए
मुझे गर्व है कि मैं तेरी विधवा कहलाऊंगी
तेरी बहादुरी की कहानियों से अपनी सांसो को समझाऊंगी ।।
@ जया गुप्ता
16/2/2019
12 : 10 A M-
ऐ "मुश्किल" यदि तू मुलाकात करना बंद कर दे तो सबकी ज़िन्दगी का वजूद खत्म हो जाएगा
" मुश्किल है तो ज़िन्दगी है
ज़िंदगी है तो तू है"-
" कविता "
भावनाओं की सृजन है कविता
प्यार की पक्तियाँ है कविता
अहसास का झरोखा है कविता
दर्द की आवाज़ है कविता
सपनों की छाया है कविता
कोरे कागज़ से गुफ्तगू है कविता
जीवन का सार है कविता
अनकहे अल्फ़ाज़ है कविता
जज़्बातों का दर्पण है कविता
रिश्तों का ताना - बाना है कविता
उंगलियों की सरगम है कविता
दिलों की उद्गार है कविता
दिलों की उद्गार है कविता-