Jay Solanki   (Jay Solanki)
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Joined 4 June 2018


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Joined 4 June 2018
8 APR AT 22:17

आसमान को छूने में पंख नहीं लगते,

कई परिंदे है जो घर से निकले ही नहीं.

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15 MAR AT 20:02

ये पतझड़... ये बारिश... ये मौसम... सब वहम है,

बस एक उसके मुस्कुराने की बात है!

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15 MAR AT 19:55

अगर तुम सही हो और गलत लोगो के सामने झूक गये

तो तुम गलत साबित हो जाओगे!

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12 OCT 2024 AT 22:02

साधु पहने धोती नंगा, श्रीमान पहने अढ़लक,

मन मेला, तन रंगा, कहे हरि को भक़त!

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12 OCT 2024 AT 10:42

यहां अब कोई राम नहीं,

रावण रावण को जला रहा है.

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18 JUN 2024 AT 7:16

एक दिन खो जाऊंगा उ़न पहाड़ों में,

फिर ढूंढ लूंगा खुद को वहीं!

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6 JUN 2024 AT 6:35

लाइब्रेरी में एक पुरानी किताब पडी थी,

किसिने उसमें लिखी कहाँनी पढी,

किसिने उस पर लगी धूल!

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24 MAY 2024 AT 9:52

यहां कागज़ पे अदालत चलती है,

अब इन्सान सच्चा नहीं, होशियार होना चाहिए!

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24 MAY 2024 AT 0:25

जरूरी नहीं इश्क तुम भी करो,

तुम बर्बाद भी कर सकते हो!

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24 MAY 2024 AT 0:16

पहले कागज़ में मोहब्बत होती थी,

और अब कागज़ से.

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