Jay Maartand   (©Jay Maartand ‘Mihir’)
443 Followers · 344 Following

read more
Joined 20 December 2020


read more
Joined 20 December 2020
4 HOURS AGO

छाया का महत्त्व तब समझ आता है जब धूप की तपिश झेली हो। केवल छाया में रहने वाला क्या जाने धूप और छाया का अन्तर। इसी प्रकार सुख का महत्त्व भी तब समझ आता है जब दुख की तपिश को झेला हो।

-


28 SEP AT 16:53

I'm against the make-up but not against the happiness.

-


27 SEP AT 2:00

यदि मैं आपके लिए महत्त्व रखता हूॅं तो
जितना अधिक आप मुझे जानते जाऍंगे
उतना अधिक आपके व्यवहार में परिवर्तन आएगा।
यदि यह परिवर्तन सकारात्मक हुआ तो हमारा संबंध घनिष्ठ होता रहेगा।
यदि व्यवहार में परिवर्तन नकारात्मक हुआ तो पहले मैं दूरी रखूॅंगा
किन्तु यदि आप में कोई सुधार नहीं हुआ तो मैं आपसे संबंध–विच्छेद कर दूॅंगा।

-


27 SEP AT 1:41

यदि मॉडर्न चिकित्सा और विज्ञान उन्नत होती जा रही है तो;
1. लोगों का स्वास्थ्य पहले की अपेक्षा क्यों अधिक बिगड़ता जा रहा है?
2. जिन्हें विश्वाश नहीं वे पूर्वजों से पूछें गाॅंवों में एक से अधिक संताने भी बिना ऑपरेशन जन्म लेती थी, अब ऑपरेशन से जन्मी पहली सन्तान के जन्म के बाद ही स्त्री का स्वास्थ्य उतना शक्तिशाली नहीं रह पाता है जबकि मॉडर्न चिकित्सा और विज्ञान उन्नत होती जा रही है। जब मानव के सिवा अन्य प्राणी बिना ऑपरेशन बच्चों को जन्म दे देते हैं और गाॅंवों में भी बिना ऑपरेशन बच्चों का जन्म होता था तो क्यों ऑपरेशन की सॅंख्या में वृद्धि होने लगी?
3. क्यों कम आयु में लोगों की मृत्यु हो रही है?
4. क्यों नए–नए रोग उत्पन्न हो रहे हैं?
5. क्यों लोगों को हर बात में दवा लेनी पड़ती है?
6. क्यों एक बार कोई अंग्रेज़ी दवा लेने के बाद ये क्रम और बढ़ जाता है,
जीवन रुक जाता है किन्तु यह क्रम कभी जीवन में रुकता क्यों नहीं?
7. क्यों चिकित्सा क्षेत्र के व्यापार में मंदी नहीं आती?

रँग, रूप, वेशभूषा, भाषा, राज्य, वर्ग, जाति, लिंग ये भेदभाव छोड़कर कभी पूछिए ये प्रश्न और ऐसी ही अन्य समस्याओं का निराकरण करने पर जोर दीजिए।

-


26 SEP AT 15:46

मैंने तुम्हारे उत्थान के लिए धर्म के चयन का अवसर दिया किन्तु तुमने अधर्म का चयन करके अपने पतन का मार्ग चुना। कर्मफल के सिद्धांत अनुसार तुम्हें अपने चयन का प्रतिफल भुगतना ही पड़ेगा।

-


26 SEP AT 15:10

मैं उन लोगों के बारे में कुछ भी अनुचित नहीं सुन सकता
जिन्हें मैं अपना मानता हूॅं। चाहे इसके लिए मुझे सारे संसार से शत्रुता का सामना करना पड़े। मित्र वही है जो उस स्त्री का अवश्य मान रखे जिसका मान हम रखते हैं, जिसे हम अपनी बहिन मानते हैं, जो उस स्त्री के अपमान को सह जाए वह पापी है। कर्ण, भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य
आदि ने भी अपने चयन का परिणाम भुगता था।
अतः अन्य जो भी हों उन्हें भी भुगतना होगा।

-


26 SEP AT 3:40

न सरल होता है मन के चाहे यूॅं प्रेम को पाना
न हर मनुष्य ने इस संसार में प्रेम को जाना
प्रेम नहीं होता है केवल यूॅंही जताने के लिए
स्वयं को खोना पड़ता है प्रेम को पाने के लिए

-


26 SEP AT 3:01

जो आपकी अनुपस्थिति में
आपकी निन्दा या अपशब्दों का प्रयोग करता है, वह बुरा है।

जो आपकी अनुपस्थिति में आपकी निन्दा करने वाले या
अपशब्द बोलने वाले का विरोध नहीं करता है,
जिसे ऐसा होने पर क्रोध नहीं आता है,
यदि वह अपशब्द बोलने वाले से इसके उपरान्त भी कोई संबंध रखे
तो वह निन्दा करने वाले से भी अधिक बुरा है, वह नीच और अधम है।

किन्तु जो आपके और उसके समक्ष होते हुए भी
आपकी निन्दा करने वाले या अपशब्द बोलने वाले पर क्रोधित तक न हो,
जो अपना रोष भी प्रकट न करे, वह महानीच किसी संबंध के योग्य नहीं।

जो हमें अपना मानते हैं,
वे हमारे मान और हमारे अपमान,
दोनों को अपना मान और अपमान मानते हैं।

अच्छा बोलने वाले या लिखने वाले या दिखावा करने वाले अच्छे नहीं, अच्छा करने वाले अच्छे होते हैं।
कर्म प्रधान होता है, अतः जो वास्तव में अच्छा कर्म करे वही अच्छा होता है, न कि आडम्बर करने वाला।

-


20 SEP AT 21:59

अगर वह शांत रहे, तो उसे कुत्ता मत समझना। वह भेड़िया है।
वह अचानक से चुप्पी तोड़ सकता है।

कोई चेतावनी नहीं, कोई धमकी नहीं, बस हमला।
भेड़िये का स्वभाव ही ऐसा है, इसलिए कभी भी किसी भेड़िये को चोट पहुँचाने की कोशिश मत करना।

-


20 SEP AT 21:53

If he stays calm, never assume him a dog,
He is a wolf. He can break the silence with surprise.

No warning, no threat, only attack.
It's the nature of a wolf so never to try to hurt any wolf.

-


Fetching Jay Maartand Quotes