राज्य सरकारें मौन हो गई
संसद में सन्नाटा है
बढ़ी हुई मौतों की संख्या
केंद्र के मुंह पर चांटा है
पर नेताओं के घरों में अब भी
भरभर कर पैसा आता है और
सड़को पर है आम आदमी
दर दर ठोकरें खाता है
पैसों को अस्पतालों में
पानी की तरह वो बहाता है
सूजे हुए नैनों के आंसूओं
से रोज नहाता है
जो कभी सभी के साथ
सभी त्योहारों को मनाता था
वो आज शवों को दाह कराने
कतारे रोज लगाता है
तो क्यूं सरकारें मौन है बैठी
क्यूं सत्ताएं शांत है बैठी
क्यूं ये मन की बात हो रही
क्यूं ये दुख की रात हो रही
क्यूं दो कौड़ी के अंधभक्तों को
ये समझ नहीं कुछ आता है
जब विपदा खुद पर आई नही
तो क्यूं दूजों को भड़काता है-
10 Feb
An individual, usually a male, that is ext... read more
हरिद्वार की भीड़ो के ,
बारे में मैं न सोचूंगा
यूं प्रयागराज के संगम में ,
लोगों की क्यों न सोचूंगा
घर से बाहर निकलने पर ,
रोकथाम लगाओ योगी जी
धर्म के नाम पे वोटों को ,
कुछ काम में लाओ योगी जी
मैं आरंभ हूं चौड़ा हो कर
आँख लाल कर पूछूंगा
सिंहासन के गिरेबान में
हाथ डाल कर पूछूंगा
जो भूखों के लिए किए हो
काम बताओ मोदी जी
काले धन के गद्दारों के
नाम बताओ मोदी जी-
जानता हूं शब्द नहीं है!
जानता हूं शब्द नहीं हैं!
पर कोशिश तो कर ही सकते है ,
नारी सम्मान में दो लफ्ज़,
तो कह ही सकते है।
यह समाज ये देश
जरूर पुरुष प्रधान होगा
पर हमारा घर—परिवार
आज भी महिला प्रधान है
हमारे घरों में आज भी होता
नारियों का सम्मान है
यहां आज भी नारियां अपने अपने
गुणों से महान है
पुरुष जरूर मानते होंगे
वो इस घर की शान है
पर हर सफल आदमी के पीछे
नारियों का ही नाम है
सिर्फ नारियों का ही काम है
होता जहां नारी सम्मान
वो आदर्श घर की पहचान है
जहां नही इज्ज़त माता बहनों की
वो घर नहीं , शमशान है
वो घर नहीं , शमशान है।-
तुम कहते हो की हम साहिल को नहीं आए
अब तुम्हे क्या पता कि हमें कश्तियों से प्यार है-
क्या फर्क है तब में और अब में
तब बच्चा था अब बड़ा हूं
तब भी ज़िद चांद पाने की थी
और आज भी ज़िद चांद पाने कि है
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बरसात हो ! बादल हो !
ना रुके आग, मंगल कर दो,
या खुद जलो और मुझको भी,
जलता हुआ जंगल कर दो.....
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Tujhe kho ke jaana
Ki tujhsa koi nahi
Thokre kha ke jana
Ki apna koi nahi
Tujhse na koi shikwa
Na koi gila hai mujhe
Naseeb me nahi tha jo
Shayd hamko mila nahi
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मयखानों का गुरूर है
किसी के पास आता नहीं
पास बिठा करके तुम्हे
जाम बनाकर पिलाता नहीं।
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