समां खुशियों की रौशन रहे आपकी ताकि,
जब भी मिलो, मुस्कुरा कर मिलो मुझसे ॥
© जय कृष्ण कुमार-
उम्मीदों का आसमां दरकता है जब,
कुछ ख़्वाब बूंद बनकर टपकता है ।
कठोर होती जमीन नहीं थाम पाती एक बूंद भी ,
सूखता दरख़्त अपनी बदकिस्मती पर रोता है ॥
© जय कृष्ण कुमार-
कुछ उम्मीदों का बिखरना भी वाजिब है ,
कहाँ हमारी जिंदगी का हर लम्हा एक सा गुजरता है ॥
© जय कृष्ण कुमार-
मधु भरे होंठ तुम्हारे ,
आँखो में मधुशाला है ।
गालों की हसीं रूमानियत ,
चेहरा चाँद से भी प्यारा है ।-
जिंदगी में रवानी है तो जिंदा हैं,
अंदाज तूफानी है तो जिंदा हैं ।
वक्त की पीठ पर लिखते मस्ती ,
तो लिखे मस्ती के हर्फ़ में जिंदा हैं ।
ये दौर और रास्ता बदलता हुआ पर ,
हर राहों पर मुस्कराएं तो जिंदा हैं ॥
© जय कृष्ण कुमार-
उम्मीदों के अनंत आसमां में ,
खुशियों का एक तारा टिमटिमाता है ।
हवा और उसमें मिश्रित धुलकण हमें भरमाता है।
कभी दृष्टिगोचर होता कभी छुप जाता ॥
© जय कृष्ण कुमार-
एक उम्मीद कि कल बेहतर होगा ... हम आहिस्ता-आहिस्ता अजनबी हर लम्हें को बड़ी शिद्दत से स्वीकार करते हैं ।
-
खुशियों के हजार साझेदार मिल जाएंगे यहाँ ,
एक दर्द ही सबकी अपनी विरासत है ।
बच जाते हैं गिनती के लोग अपने ,
जब हमारी आँखो में आंसुओ की बारी होती है॥
© जय कृष्ण कुमार-
है जिंदगी एक पाठशाला ,
हर पल सीखते रहते हम ।
गुरु - शिष्य होना सर्वश्रेष्ट अनुभूति है ,
पथ-प्रदर्शक सा सदैव प्रज्वलित रहते हम ।
सीखना - सिखाना जीवनवृत्त हैं हमारे ,
नित - नियमित सीखते-सिखाते रहते हम ।
है यह दिवस अतुलनीय जग में ,
आभार व्यक्त करते अपने - अपने गुरुजनों का हम ।
-
अनंत आकाश सी है जिंदगी ,
तारों सा टिमटिमाता हमारा हर लम्हा।
कोशिश कि सहेज लूँ सभी मोतियों को ,
डर कि मिले ना कोई आखिरी सिरा ॥-