आगाज़ हुआ है तो अंजाम भी होगा,बदनामियाँ हुई हैं तो नाम भी होगा।।ये जो बाँट रहे हैं अंधेरों को रौशनी,क्या इनके हिस्से में कभी ईनाम भी होगा।।आज जो तू शाह बना फिरता है मत भूल,एक रोज़ तेरा किस्सा ये तमाम भी होगा।। - जावेद अहमद सिद्दीकी
आगाज़ हुआ है तो अंजाम भी होगा,बदनामियाँ हुई हैं तो नाम भी होगा।।ये जो बाँट रहे हैं अंधेरों को रौशनी,क्या इनके हिस्से में कभी ईनाम भी होगा।।आज जो तू शाह बना फिरता है मत भूल,एक रोज़ तेरा किस्सा ये तमाम भी होगा।।
- जावेद अहमद सिद्दीकी