प्रेम-प्रसंग फीका पड़ जायेगा।
स्वयं को कामकाज में खपाती माँ,
पिता का बदन तोड़ श्रम।
लंबे अरसे की आस, उनका छल रहित प्रेम!
मां का निः स्वार्थ ममत्व, पिता का दुलार।
इक पल गहनता से आंखे टिकाई,
प्रेम पत्र के सारे पन्ने फाड़ दिए।
यकीनन,,
तुम्हारा प्रेम-प्रसंग फीका पड़ जायेगा।।-
Jatan Pratappura
(Pratappura... जतन)
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Joined 30 August 2020
28 JUN 2024 AT 13:35
10 JAN 2022 AT 12:40
जो है यथार्थ कठिन
उसका तू कर पूजन-
छाया मत छूना मन
होगा दुःख दूना मन!
- गिरिजाकुमार माथुर-
31 DEC 2021 AT 2:41
अंतिम पेज था एक लंबी किताब का,
अच्छे से लिखने की ठानी थी..
मगर
कोशिश है कि अच्छा ही लिखा जायेगा🔥।।
-
8 JUN 2021 AT 19:23
ज़ख्म गहरा हो तो दिखाई देता है......
ये दर्द भरी आवाज़ तो शायराना अंदाज लगता है।।-
10 MAY 2021 AT 10:01
कोई भी दुःख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं!
हारा वही जो लड़ा नहीं!!-
2 MAY 2021 AT 11:27
हमें तो मोहब्बत भी उस दीवार से हो गई थी,
जो आज हालात तक नहीं पूछा करती है।।-