किसी की बातों पर फ़िदा होगए हम
जिसने दर्द दिए दुबारा उसी के होगए हम...
ये मोहब्बत कहां देखती है दिल में छुपे दर्द और गम
किसी की वफ़ा को तरसते ये दिल ही खो गए हम...-
इश्क़ जाम शबाब सब कुछ भूल कर आया हुँ
एक दफा फिर से मैं उसके शहर आया हुँ ।
शाम सुनहरी हवाएं ठंडी फिज़ा रंगीली...
मैं फिर उसे सीने से लगाने की गुश्ताखी कर आया हुँ ।-
तुम सिर्फ मेरे चेहरे की मुस्कान देखते हो आंखो में छुपा तूफान नही।
कहीं नज़रे तुम्हारी न पश्चाताप करे किसे देखना था और किसे नहीं।✌️-
उसकी याद आयी है शायद फिर किसी अपने ने दिल दुखाया है...
जाने दो यहां से मुझे मयखाने ने फिर से बुलाया है।
और जाम लग चुकी है इन लबों को दिल इसका आदी हो चुका है...
शफाईयों से मिल जाए जो तशल्ली तोह समझना ये ख़ुदग़र्ज़ खुदगर्जी में शामिल हो चुका है।-
दिल ने एक गुस्ताख़ी सी की है, जुबान की अब कोई कीमत नहीं...
खामोशियां बयां कर रही हैं सब कुछ, जज़्बातों की अब कोई क़दर नहीं...-
शाखों से पत्ते टूटे हैं वृक्षों में रूहानी बाकी है
मिट्टी की वो सौंधी सी खुशबू बादलों को दिलानी बाकी है...
इस धरती के दो पहलू है कहीं सूखा तोह कहीं पानी है
ज़िन्दगी और कुछ भी नहीं बस तेरी और मेरी कहानी है...-
वो हमसफ़र नहीं पर फिर भी हर सफर में मेरा साथ दे जाती है...खुशी उसका नाम जरूर है पर मुस्कान हमेशा मेरे चेहरे पर आती है...
रिश्ते बहोत से देखे होंगे तुमने गालिब...पर जो किसी रिश्ते में ना हो ऐसी वफा - ए - दोस्ती वो मुझसे निभाती है...🙈🔥🤙
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वही सुकून और वही शान...दिल में ठंडक और हाथों में जाम...
कुछ खोया तोह तुम्हारा साथ...वरना वही गलियां और वही रात...😊-