यूंही अकेला बैठा इंसान सोचे,
यूं जीऊ जिंदगी, यूं करू मन की,
वही चिता पे लेटा इंसान सोचे,
क्या जीई जिंदगी, क्या करी मन की?-
Jankhu
(Jankhu)
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बंदिशों से बंधे हैं पैर, बिना किसी जंजीर।
आजादी की तलाश में हैं, ये किस्मत के फ़कीर।
आजादी की तलाश में हैं, ये किस्मत के फ़कीर।
Joined 23 July 2023
7 SEP AT 16:30
5 AUG AT 16:13
कभी कभी सोचता हुं,
मेरी परछाई हो तुम
या फिर में हुं तुम्हारी,
दर्द होता तुम्हें जरूर है,
मगर आंखें बहती हैं मेरी..
-
5 AUG AT 7:52
हमारे प्यार को तुम
यूं क्षणीक न समझो,
हमारे इंतजार भरे दिन की
यहीं एक सार शाम हैं।-
4 AUG AT 18:55
Your touch, your scent,
What an exhilaration.
Your smile, your gaze
What a serenity.
-
4 AUG AT 18:08
सांसों की बात करते हो,
जरा दिल की आंखो से देखो,
हमारी जुबां नहीं कहती,
मगर आंखे ज़रूर बतलाती है।-
4 AUG AT 17:59
चाहे ,
तु खुद पर रख यकीन,
खुद की कीमत न यूं कम आंक,
तुझे किसी के मत की जरुरत नहीं।-
18 DEC 2024 AT 14:57
Spring arrives, lingers, and then departs,
But the memories live on.
Not the scenery.-
2 OCT 2024 AT 13:02
हमारा रोना आपको ढोंग लगा,
हमने मान लिया।
हमारा प्यार जताना आपको
नाटक लगा, हमने मान लिया।
देखना एक दिन एसा भी आएगा,
जब हम चिता पे लेटे होंगे,
और आपको वह भी ढोंग लगेगा।-