Jameel Sayyed   (Jameel)
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Urdu & English Poetry
Birthday 17th May
Joined 10 December 2017


Urdu & English Poetry
Birthday 17th May
Joined 10 December 2017
26 APR AT 0:45

आप से बेहतर भला कौन जानता है हमें ..
एक ही नज़र में कौन पेहचानता हैं हमें !!

झूठ मूठ अयाँ किया नहीं सरोकार तुमसे ..
सच्च बोलने पर भी कौन मानता हैं हमें !!

तन्हाई दे कर रिहा किया ज़ंज़ीर ए इश्क़ से.
अब अहद-ए-वफ़ा से कौन बाँधता हैं हमें !!

ख़ुदाया तेरे सिवा कौन ख़बर लेता हमारी ..
होते होते इल्म हुआ कौन संभालता हैं हमें !!

इंतेज़ार की हद हैं या वहम ओ गुमाँ जमील ..
मेहसूस होता हैं जैसे कोई पुकारता हैं हमें !!

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17 APR AT 22:17

तेरे दर पे दस्तक देता
हाथ मेरा रुक गया.
तेरी जफ़ा से मायूस
सर मेरा झुक गया !!

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15 APR AT 22:35

उस ही के हाथों शिकार होता हैं ..
जिसका दिल से ऐतेबार होता हैं !
कैसे ख़तावार कहें उस शबाब को ..
जिसको इश्क़ का ख़ुमार होता हैं !

चाहे जाना उसे भी दरकार होता हैं ..
जो अपने दायरे में ज़िम्मेदार होता हैं !
वाक़या उसका उस मोड़ पे आता हैं..
जहां इज़्हार होता हैं न इन्कार होता हैं !

माना की ये किस्सा यादगार होता है..
चश्म-ए-नम पर न इख़्तेयार होता हैं !
पर सब्र-ओ-ज़ब्त पे यकीं कर के देख ..
तेरे साथ हमेशा परवरदिगार होता हैं !

सीखा देती है जिंदगी वक़्त के साथ ..
पैदाइशी कौन तजरूबेकार होता है !
संभल जाए सही वक़्त पे जो इन्सान ..
वही अपनी हस्ती में शानदार होता हैं !

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11 APR AT 1:29

आसमाँ से हथेली पे उतर आया हैं ..
क्या ख़ूब ईद का चाँद रंग लाया हैं !!

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28 MAR AT 0:46

बढ़ा कर हाथ मेहरबाँ दामन चुराता क्यों हैं !!
पलकों पे बिठा कर नज़रों से गिराता क्यों हैं !!

मारूफ हैं एक रोज़ ख़िज़ाँ का मौसम आएंगा ..
अभी मौसम-ए-गुल से निगाहें चुराता क्यों हैं !!

तुझे भी होता तजरुबा तो होता ये ऐहसास ..
एक ही शख़्स में सबकुछ नज़र आता क्यों हैं !!

पूछ बैठा हैं दिल उम्मीद के जहाँ से बेसबब ..
जल बुझे चराग़ों को फ़िर से जलाता क्यों हैं !!

सच्ची नज़र के छूते ही किसी की बारगाह में ..
कौन जाने इश्क़ का परचम लहराता क्यों हैं !!

हमें हैं तेरी आबरू ख़ुद के आरज़ू से अज़ीज़ ..
ज़माना तमाशाई बन के ख़ाक उड़ाता क्यों हैं !!

वक़्तन बदलती है हवा अपना रुख़ जमील ..
सेहरा में हसरतों की रेत बिखराता क्यों हैं !!

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16 MAR AT 12:25

बेहिसाब अज़मत वाला रहमत वाला और बरक़त वाला हैं ..
माह-ए-रमज़ान मोमिनों के लिए बेशुमार फ़ज़ीलत वाला हैं !!

नेक काम के सवाब में सत्तर गुना इज़ाफ़ा किया जाता हैं ..
जो इन ने'मतों को हासिल करें वो बड़ा किस्मत वाला हैं !!

वक़्त-ए-इफ़्तार मौला होता है रोज़ेदार के इतना क़रीब के ..
फ़रमाता है माँग जो माँगना है ये वक़्त क़बूलियत वाला हैं !!

लोगों रोज़े नमाज़ के साथ अदा कीजे ख़ैरात ओ ज़कात ..
जान लो कि बेहतरीन है अज्र उसका जो सख़ावत वाला हैं !!

करो ख़ताओ को दरगुज़र फरमाने की दुआ गफ़ुरूर रहीम से ..
गुनाहों की बख़्शिश माँग लो कि ये महीना मग़फ़िरत वाला हैं !!

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8 MAR AT 12:03

You are very important
in this world for you
& your loved ones so
Wish you all Yq Women
Happy Women's Day -2024

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7 MAR AT 22:46

बेख़ुदी में हमें वाबस्ता-ए-जज़्बात ने सोने न दिया ..
किसे ख़बर क्यों शब-ए-ज़ुलमात ने सोने न दिया !!

कुछ रोज़ से राब्ता शम्मा'अ के मानिंद बुझता गया ..
उनके बदगुमान होने के अलामात ने सोने न दिया !!

हम तो जागते हैं ग़म-ए-हस्ती के सबब मग़र उनपे ..
जाने क्या गुज़री कौन से हालात ने सोने न दिया !!

मिलने के बाद भी मुज़्तरिब दिल मुतमइन न हुआ ..
तंग-ए-वक़्त की अधूरी मुलाकात ने सोने न दिया !!

उनके ख़फ़ा होने से सुकून कैसे मेहसूस हो जमील ..
जाने कितने ऐसे नाशाद ख़यालात ने सोने न दिया !!

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4 MAR AT 23:22

कर न सके साबित बेगुनाही.
अता की गई सज़ा-ए-रिहाई !

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2 MAR AT 0:18



कोई क्या कहे क्या होती है
हुस्न-ए-अख़लाक़ की वज़ाहत ..
तेरे दीदार से आप ही मिलती है
दिल-ए-मुज़्तर को राहत !!

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