संगठन का नाम ही शक्ति है,
यह वो शक्ति है
जो हर लक्ष प्राप्ति में हमारा सहयोग करती है,
संघर्ष की राह चाहे कितनी भी कठिन क्यों ना हो,
अगर हम सब एक हो कर सतत प्रयास करे तो अवश्य सफल होंगे।-
एक बिखरा सा सवाल मै ।
कोई दोहों में बांध दे तुझे और मुझे,
ऐसे तेरा क्या मतलब,
मेरा क्या मतलब।-
मैं नए शहर में कुछ पुराना ढूंढता हूं,
..
..
जिन्हे मैं खुद छोड़ कर आया था पीछे
उन्हे एक दफा दोबारा ढूंढता हूं ।-
कहानियां सब ने सुनी हैं
सामंदरो की, किनारों की,
हमारी भी कोई सुनेगा क्या,
उसकी आंखों के बेचारो की ।
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ट्रेन की खिड़की से बाहर देख कर
अक्सर सोचता हु मैं ,
वो जो सब हो सकता था
मगर हो ना सका ।-
तुम कहो ये इश्क नहीं मैं मान लूंगा ,
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मगर
ये जिस शहर तुम कभी आए भी नहीं
उसकी गलियों में तुम्हारा दिखाई देना ।-
अक्सर सोचता हु
हाथो में अब भी तेरा हाथ होता,
तो कैसा होता ?
क्या फायदा होता मगर,
लकीरे टकराती एक दूसरे से पर मिलती तो नहीं ।-
मेरे शहर में आई है वो
एक दिन के लिए
और मैं फुरसत निकाल कर बैठा हु
उम्र भर की ।-
मौत भी रास आ जाए मुझे एक बार
मगर वो शहर जहां से कभी तुम्हे जाते देखा था ....-
जो खुदके सपने पूरे करने में
खुद ही पर एक कर्ज़ चढ़ाए जा रहे है ,
इस कर्ज़ का सूद कहीं
सपनो से महंगा न पढ़े ।-