तुम आए इसलिए अहिमियत बढ़ गई मेरी,
तेरे आने से पहले मेरा कोई वजूद ना था।-
तेरी ज़िन्दगी में मेरे लिए रखा क्या है,
प्यार था एहसास था उसके सिवा रखा क्या है,
तेरी रुसवाई के सिवा मिला क्या है,
होता पास तेरे तो सुकून मिलता,
ना हूं तेरे पास तो जिंदगी में रखा क्या है,
शिकवा है न तो कोई शिकायत,
तेरे ज़िन्दगी में मेरे लिए अब बचता क्या है
तेरी जिन्दगी में मेरे लिए रखा क्या है।
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हादसे कई हुए है मेरे साथ,जख्म अभी भरे नहीं थे,
की तब तक तुम चले गए।-
वो कहते है लिखते बहुत अच्छा हो कहा से सीखा है,
उनको कौन समझाए लिखना भी उन्हीं से सीखा है।-
बिगड़ गई बात तो फिर मनाने चले हो,
अब फिर कोई बात नहीं होगी ,फिर बात करने चले हो।-
रास्ते का सफ़र सुहाना था
मै उसके लिए दीवाना था
उसकी तिलिस्म सी आंखे
मुझे निहार रही थीं,वो
धीमे -धीमे दिल में समा रही थी
मंजिले एक थी पर
रास्ते अलग -अलग से थे
कुछ दूर हमने बाते भी की
कुछ दूर उसने भी बोला
उन रास्तों पर वक़्त का
पता ही नहीं चला कि
सफ़र मेरा कब ख़त्म हो गया
इसी ताल मेल में हमें दिल्लगी हुई
फिर भी वो ना मेरी हुई।
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