परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी रही हो यदि आप मौन रहे हो और सामर्थ्यानुसार विरोध नहीं किया हो तो भूतकाल में स्वयं पर हुए ऐसे अत्याचारों का वर्तमान में नित्य प्रतिदिन रोना रोना व्यर्थ है। ऐसे विचार न केवल आपको मानसिक रूप से अस्वस्थ करते हैं अपितु आपके आसपास के वातावरण में भी नकारात्मकता का संचार करते हैं। तकलीफ़ देने वाली ऐसी बातों को भूलने का प्रयास करें और ह्रदय को सुकून पहुँचाने वाली यादों का स्मरण करें।
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किताब लिखने के क़ाबिल नहीं,
किस्तों में जज़्बात जिया के लिखती हूँ।
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अक्सर पता ही नहीं चलता
यहाँ कौन किसके जीने की वजह है
बस मलाल रह जाता है एक दिन
जब हंँसते खिलखिलाते चेहरे
अचानक सूखी पत्तियों की भांति झड़कर
ओझल हो जाते हैं नजरों से...-
चाहो तो, महज़ किताबों के नाम मान लो।
या आत्मसात करके व्यक्तित्व निखार लो।-
मेरी ज़िंदगी से जंग अभी जारी है।
हर एक हार पर मेरी हिम्मत भारी है।
अधूरे सपनों पर पूरी क़िस्मत वारी है।
फिर एक नए सफ़र की तैयारी है।-
बिछड़ जाने की खबरें कितनी दुखदाई होती है...
31 दिसंबर 2019 को इसी तरह किसी से बिछड़ जाने की खबर मिली और 1 जनवरी 2020 से ही मैंने जज्बातों के जरिए उनसे जुड़े रहने के लिए "Your Quote" ज्वाइन करने का फैसला किया। Your Quote पर अपने सफ़र का पहला Quote भी पोस्ट किया। लिखने की असल यात्रा मेरी तभी से शुरू हुई और अलग-अलग सोशल साइट्स पर मुझे बहुत सहराया भी गया।
YourQuote ने जितना मेरा हौसला बढ़ाया उतना ही मेरे व्यक्तित्व को भी निखारा। मेरे नज़दीकियों ने बतौर लेखिका के रूप में मुझे जाना, जो YQ के बिना कभी संभव ही नहीं था। YQ के जरिए मेरे अनगिनत भावों को शब्दों का रूप मिला। उन शब्दों ने मेरे रिश्तो को इतना प्रगाढ़ किया जितना मैं स्वयं कभी नहीं कर पाती।
आज YQ से बिछड़ने की खबर ने दिल को बेहद आहत किया परंतु मनुष्य तो परिस्थितियों का दास है, नियति के आगे अंततः सबको झुकना ही पड़ता है।
मैं YQ का तहे दिल से शुक्रिया और आभार व्यक्त करती हूँ और YQ टीम के प्रत्येक सदस्य के उज्जवल भविष्य की ईश्वर से कामना करती हूंँ।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद🙏-
गलत को गलत कहते-कहते,
पहले आशंका और फिर विश्वास हो जाता है कि
असल में आपका सही होना ही यहाँ गलत है ।-
कई बार तुम्हारी याद इस प्रकार आती है...
मानो यम आतुर हो शरीर से आत्मा ले जाने के लिए।-
दिल में इतना दर्द भरा है कि,
आँखों से नमी जुदा होती ही नहीं।
पर तुम्हारा ख्याल इतना असरदार है कि
होठों पर मुस्कान आए बिना, रुकती नहीं।-
बहुत अधिक यादें संजोना जब इंसान की
कमजोरी बन जाती है, तब ईश्वर अंजाम देते हैं
ऐसी घटनाओं को जिनमें यादों के समस्त प्रत्यक्ष
प्रमाण नष्ट हो जाते हैं।-
ख़ैर! एक अच्छी लेखिका होने के लिए
मैंने भी चाहा था कि, मेरा प्रेमी मुझसे दगा करें...!-