बन गई सड़कों पर,
चौकियां नई.
आ गए,
चुनाव हैं.
अब ईश्वर ज़मीं पर आएँगे.
अभी तक सो रहे थे,
मानो, आकर,
हमें जगाएंगे.
और कॉम भी,
खतरे में है.
खुदा भी, अब ही,
हमें बताएंगे.
सड़कों पर तो बनी हैं,
चौकियां प्रशासन की.
अब सरहदें दिलों में,
बन जाएंगी.
चुनाव की तैयारियां,
कुछ ऐसे की जाएंगी.
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