अब अपनी हरेक बात मुझसे छुपाती है वो
अपना दुख दर्द ना किसी से जताती है वो
यारो अब इतने ज़र्फ वाली हो गई है देवसेना
शौहर की मार को सीढ़ियों से गिरा बताती है वो-
मैं उसको मनाता ही नही जो रूठता है
अंदर ही अंदर मुझे मेरा मन कचोटता है
जैकब मुझे उस हर शख्स से डर लगता है
जो भी मुझसे मेरा हाल - चाल पूछता है-
कुछ प्रेम कहानी तो इसलिए भी शुरू नही हो पाती हैं। क्योंकि आदमी सोच लेता है।
छोड़ यार दोस्त की बीवी है
🤣🤣🤣
@जैकब बुलंदशहरी-
फिर एक शख्स उसने अपना दीवाना कर लिया
पहले शायद गलत था अब ठीक निशाना कर लिया
बोली जैकब मैंने तुम्हारे इंतजार से होकर परेशां
अब अपना कहीं और नया ठिकाना कर लिया
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कुछ बोला गले से तो गला दबा जाएंगे
गलती इनकी होगी पर हमारी बता जाएंगे
ये कानून के रखवाले है नए निजाम के लोग
हक की बात मत करना कच्चा चबा जाएंगे
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जैकब भाई आपकी कोई गर्लफ्रैंड है
मैं - नही है
सही बताओ
मैं - नही है
जरूर होगी भाई झूठ बोल रहे हो।
(जैकब)-
मुझे उस बेहया की याद दुःख दे रही है जैकब
अपने बाल खींच रहा हूँ गाल पर तमाचे लगा रहा हूँ-
मुझे सबसे ज्यादा धोखा इस इंसान ने दिया है जो मेरे सामने आईने में खड़ा है।
और इससे लड़ने का हुनर मुझे आज तक नही आया।
@जैकब-
देवसेना - जैकब जी यूपी में भाजपा सरकार बन गई है इससे आपको क्या फायदा होगा।
मैं - प्यारी देवसेना सरकार के खिलाफ शायरी लिखने का लाइसेंस रिन्यू हो गया है।
देवसेना - फिर इस लाइसेंस से क्या मिलेगा
मैं - मिलना कुछ नही बस कभी मिली तो गाड़ी पलटी मिलेगी या बुल्डोजर चलती मिलेगी।
@जैकब-
अब तिरे क़राबत से जलन हो रही है
मुझे बू आती है किसी और के छूने की-