Jai Prakash   (Jai Prakash ( JP ))
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कलम लिखती गई मन गढ़ता गया
लिखते लिखते शब्दों से मोह बढ़ता गया !
Instagram: its_jaip
Joined 5 November 2018


कलम लिखती गई मन गढ़ता गया
लिखते लिखते शब्दों से मोह बढ़ता गया !
Instagram: its_jaip
Joined 5 November 2018
12 JUN AT 23:11

मिली है जब से तुम्हारे आने की ख़बर
हम राहों में पल्खें बिछाने लगे हैं
इससे बढ़कर अब ख़ुशी और क्या होगी
देखो किस क़दर हम इतराने लगे हैं
सँवार लिया है ख़ुद को आपकी ख़ातिर
घर को भी सुबह शाम सजाने लगे हैं
लौट आईं हैं खुशियाँ फिर से मेरे पास
सारे ग़म मेरी ज़िंदगी से जाने लगे हैं

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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11 JUN AT 22:58

जाँ बची है बस थोड़ी सी
जिस्म से निकलना बाकी है
जिस्म है बस थोड़ा सा ज़िंदा
इसका सिर्फ जलना बाकी है
दिल मेरा टूट चुका है इतना
बस टुकड़ों में बिखरना बाकी है

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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9 JUN AT 21:31

मुद्दतें गुज़ारी हैं तन्हाई के आलम में हमने
अब किसी का छोड़ जाना हमें दुखी नहीं करता

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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5 JUN AT 22:16

जब दिल कहता है कि अब प्यार नहीं
तो फिर क्यूँ हर पल उनका इंतज़ार रहता है
जब दिल से निकाल ही देना चाहते हैं उनको
तो फिर क्यूँ दिल उनके लिए बेक़रार रहता है
जब करते नहीं वो ज़रा सा भी ऐतबार हम पर
तो फिर क्यूँ हमको ही उन पर ऐतबार रहता है
जब पता है कि वो लौटेंगे नहीं अब कभी भी
तो फिर क्यूँ हर लम्हा उनका इंतजार रहता है

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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4 JUN AT 21:45

छलक आया है आज इन निग़ाहों में भी दर्द
मैं अपनी मर चुकी उम्मीदों को दफ़्न करने आया हूँ
जब तक था ज़रूरत के क़ाबिल, मैं सबका अज़ीज़ था
ज़रूरतें जो हो गई पूरी तो आज मैं सबसे पराया हूँ
ख़ामोश हो गया हूँ मैं, कहने को नहीं बचा कुछ भी
तन्हाई में कुछ पल ये अश्क़ अपने बहाने आया हूँ
तमाशा ही बन जाए, अगर मैं कह दूं हाल-ए-दिल
अपने दिल पे लगे ज़ख्मों पर थोड़ा मरहम लगाने आया हूँ
मर गई हर उम्मीद मेरी, इस बेक़दर दुनिया से
मैं अपनी मर चुकी उम्मीदों को दफ़्न करने आया हूँ

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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26 FEB AT 11:16

मैं क्या करूँ अब मैं कहाँ जाऊँ
मेरा दिल उस बिन संभलता ही नहीं
थम जाती हैं हवाएं ठहर जाता है दिन
वक़्त भी है कि उस बिन चलता ही नहीं
मान बैठा हूँ मैं जबसे उस शख़्स को दुनिया
उस शख़्स के बिना दिल मेरा बहलता ही नहीं

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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25 FEB AT 22:43

जा रहे हो तुम दिल घबरा रहा है
तुम्हारे बाद दिल कहीं लगेगा नहीं
हर वक़्त मेरी आँखों में रहेंगे अश्क़
रो रो कर भी दिल कभी भरेगा नहीं

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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25 FEB AT 9:38

आंखों में है नींद, मेरे दिल को आराम नहीं
लेटा हूँ मैं ऐसे जैसे, मुझे कोई काम नहीं
अभी वक़्त बुरा है, हालात बुरे हैं
पर रहता हूँ मैं ऐसे, जैसे लगूँ परेशान नहीं
हाथ भी तो काँपे, और ज़ुबाँ लड़खड़ाए
क्यों दिखता हूँ ऐसे, जैसे मुझमें है जान नहीं
मेरे बातों में नशा है, पर हाथों में है जाम नहीं
मेरी बातों में तबाही, जैसे कोई रोकथाम नहीं

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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19 FEB AT 12:57

मैं जियूँ कैसे तुझ बिन बता
मुझे थोड़ी ज़िंदगी बख़्श दे
मायूस हूँ मैं तू बिछड़ा है जबसे
मुझे थोड़ी सी खुशी बख़्श दे
ख़त्म हुआ जा रहा हूँ पल-पल
तू आकर उम्र मुझे लम्बी बख़्श दे
थक गया हूँ दर-बदर फिरते हुए
तू अपने आँचल की ज़मीं बख़्श दे
सूख गई है जाँ ज़माने की बेरुखी से
तू प्यार भरे लहज़े की नमी बख़्श दे
रात है काली गहरी दिखता नहीं कुछ
तू चुनकर सितारों से रौशनी बख़्श दे
.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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18 FEB AT 13:32

मनमानी करता है ये दिल मेरा
तेरे ही ख़ाब बुनता है हर लम्हा
दिल होता है बैठूँ कभी तुझ सँग
हाल तुझे सुनाऊँ अपने दिल का
होता नहीं गुज़ारा तुझ बिन मेरा
मिलता नहीं हल इस मुश्किल का
तुम आओ तो मिले सूकूँ मुझको
तुम बिन अब हमें सूकूँ नहीं मिलता

.....✍️Its_jaip ∆ WriterJAI

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