नन्हे नन्हे हाथ रोशनी से लबरेज आंखें और,
छोटे छोटे बहानों से छलकती खुशियां,
कंधों पर बैठ जहान देख लेने के ये मौके,
ये कीमती कागज़ों की पहुंच से परे दुनिया...
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learner at school of life ✍️
...nature lover 🌄
🖋️🏸🏞️🏕️🌦️🧗
ज़िक्र में , फिक्र में
याद में या बात में
शोर में भी खामोश कहीं
तब भी रहूंगी मैं ,
जब आस पास नहीं रहूंगी मैं...-
I touched a surface
I felt its core
With heat of mine ,it start to melt
Making me proud a bit
I touched that again,
this time to uproot it From surface
And to let that frozen surface free from binding...
But to my astonishment
It didn't budge much ...
To unravel it layer by layer
I touched it again and again
Only to know ,
I touched a tip of iceberg actually
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रख कर सपने गिरवी ,
जो मिलती हो हुकूमत भी ,
ये एहसास -ए-अमीरी तो
हमेशा कम ही लगता है ।-
खुलते ही होगा आगमन ढेरों परिंदों का ,
चाहे -अनचाहे
साथ ही हल्की धूप जिसमें तपन न होगी
पर हो सकती है सिहरन
कुछ आवाजें भी पीछा करती है , जानी पहचानी
साथ ही सुनाई देगी किसी मल्लाह के स्वर में होती,
ऋतु परिवर्तन की घोषणा-
कई दिनों से बंद खिड़की में बाहर की ओर
आशियाना बुना है एक पंछी ने
🐦
कौन जाने है कोई सराय , या फिर कोई कारखाना
छोटा सा घर या दो पल का ठिकाना ।
तिनके के घर में वह जान भरती होगी
कभी सपनों की तो कभी आशा से उड़ान भरती होगी
बुन रही है शायद अपने भीतर वो नया जीवन,
मेरा अहाता होगा फिर उस नन्हे 🐣का भी आंगन
लेकिन .....
लेकिन कमरे की इकलौती खिड़की जिस पर उसका आशियाना है
वहीं से तो घर के अंदर होता रोशनी का आना जाना है कभी मन करता है खोल दूं कपाट ,कह दूं ढूंढ ले वो नया ठिकाना
पर क्या समझेगी वह यह बात...सच या सिर्फ एक बहाना ?
रोशनी और अंधेरे के चुनाव की ताक पर इस बार भी रखा है - इक जीवन और साथ ही अनेकों अजन्मी संभावनाएं ।।
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Predicted lies are accepted easily ,
but unpredictable truths NOT-
वो चाहते हैं हो जिंदगी उनके सलीके से ,
मसला तो ये है कि मैं भी यही चाहती हूं ।-
अंधेरे के क्षणिक अभिमान को राख में तब्दील करती है,
उभारती है वह धूल भरी सतहें जिन्हें चमकने की दरकार है,
साथ ही खत्म करती है इंतज़ार उन गलियों, कोनों और मंजिलों का भी , जिनके लिए कभी न खत्म होने वाले चलचित्र का नया दृश्य इक बार फिर मुखर होने को है
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