।। ॐ ।।
किसी की सलाह से रास्ते जरूर मिलते हैं, पर मंजिल तो खुद की मेहनत से ही मिलती है!
🙏🏻सुप्रभात 🙏🏻-
༺꧁।। ॐ ।।꧂༻
जब व्यक्ति आँखो की बजाय
कानों से ही देखने लगे तो ,
समझ लीजिए अब रिश्तों का
विनाश होना निश्चित ही हैं।
🌹_₲๑๑d ℳ๑®ทïทg_🌹
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।। ॐ ।।
ईश्वर कितनी सुन्दरता से हमारे जीवन में एक और दिन की वृद्धि करते रहते हैं ... केवल इसलिए नहीं कि आपको इसकी जरूरत है ... बल्कि इसलिए कि किसी अन्य को भी प्रतिदिन आपकी जरूरत है .!!
" सदा मुस्कुराते रहिये "
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🏆।। ॐ ।।🏆
पतझड़ में सिर्फ पत्ते गिरते हैं।
नज़रों से गिरने का कोई मौसम नहीं होता।
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दिनांक- 14 नवम्बर 2021
वार- रविवार
तिथि- कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी
(देवउठनी ग्यारस)
संवत- 2078
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आप पर हमेशा ईश्वरीय अनुकम्पा यूँ ही बरसती रहे। आप निरन्तर स्वस्थ रहे, व्यस्त रहे और मस्त रहे। मैं सदा आपके लिए ईश्वर से यही शुभकामना करता हूँ।
🌹जय श्री कृष्णा🌹-
।। ॐ श्री परमात्मने नमः।।
सदगुरु की प्राप्ति प्रयत्नसाध्य नहीं है। जन्म जन्मांतर के संस्कारों से ही गुरु की प्राप्ति होती है। पहले तो सद्गुरु की प्राप्ति ही कठिन है, फिर यदि प्राप्ति हो भी जाय तो गुरु में पूर्ण श्रद्धा भाव कठिन है, और यदि श्रद्धा भाव भी उत्पन्न हो जाय तो गुरु कृपा कठिन है।विद्या गुरु और दीक्षा गुरु तो बहुत मिल सकते है परन्तु सद्गुरु पुण्य कर्मों से ही मिलते है। गुरु को जो मनुष्य रुप में स्वीकार करता है उसे किसी भी साधन से सिद्धि प्राप्त नहीं हो सकती। इसलिए गुरु में भगवद् बुद्धि होनी आवश्यक है। यह सम्पूर्ण समर्पण भाव से ही सम्भव है।गुरु कृपा से लोक और परलोक दोनों ही प्राप्त हो सकते हैं। गुरु श्रोत्रिय, निष्पाप, कामना रहित, ब्रह्मवेता और ब्रह्मनिष्ठ होना चाहिए, जो ईंधन रहित अग्नि के समान शांत हो। अकारण दयासिन्धु हो और शरणागतबंधु हो। गुरु तत्व आकाश की भांति सर्वत्र विद्यमान है क्योंकि परमतत्व और गुरुतत्व में कोई भेद नहीं है। गुरु भगवत्स्वरुप ही हैं। उनके दर्शन,स्पर्श अथवा शब्द मात्र से ही तत्वज्ञान हो सकता है।-
।। ॐ श्री परमात्मने नमः।।
बुद्धिमान इंसान, आपका दिमाग खोलता है,
सुंदर इंसान आपकी आँखें खोलता है, लेकिन
परवाह करने वाला इंसान, आपका हृदय खोल देता है।
🌹 सुप्रभात🌹-
सुख, सम्पत्ति, स्वास्थ्य, सम्मान, शान्ति एवं समृद्धि की अनन्त मंगलकामनाओं के साथ आपको तथा आपके समस्त परिजनों को "विजया दशमी" की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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।। ॐ श्री सद्गुरुदेवाय नमः।।
हँस कर कबूल क्या कर लीं,
कुछ सजाएँ मैंने!
ज़माने ने दस्तूर ही बना लिया,
हर इलज़ाम मुझ पर लगाने का!!
🙏🏻 सुप्रभात 🙏🏻-
तारीफ़ की चाहत तो नाकाम लोगों की फितरत है, काबिल लोगों के तो दुश्मन भी कायल होते हैं!!
🙏🏻 सुप्रभात 🙏🏻-
।। ॐ ।।
कितना अजीब है मन ? जब हम गलत होते है, तब हम "समझौता" चाहते है परंतु जब दूसरा गलत होता हैं तब हम "न्याय" चाहते है।
🙏🏻सुप्रभात🙏🏻-