अब मुझ पर हक न जताना तुम..
तेरे हिस्से का मर चुका हूं में..
~ish-
आँख में थी हया हर मुलाक़ात पर सुर्ख़ आरिज़ हुए वस्ल की बात पर
उस ने शर्मा के मेरे सवालात पे ऐसे गर्दन झुकाई मज़ा आ गया...❣️
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ये कोई क़त्ल थोड़ी है कि बात आई गई हो,
मैं और अपना नज़र-अंदाज़ होना भूल जाऊँ?
~ish-
हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा'द ये मा'लूम
कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी ❣️
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तू किसी और ही दुनिया में मिली थी मुझसे
तू किसी और ही मौसम की महक लाई थी...💌-
मर्द हमेशा अपनी पहली मोहब्बत का ही रहता है और वो उसे दिल से कभी नहीं भूलता, वह अपनी पत्नी के साथ भी कही जाता है न तो रास्ते में किसी प्रेमी जोड़ी को देखकर उसे अपनी प्रेमिका की याद आती है, वह जब भी बहुत ज्यादा चिंता, तनाव और डिप्रेशन में रहता है तो उसे अपनी प्रेमिका ही याद आती है और अपने अंतिम समय मे भी अपनी प्रेमिका को ही याद करता है.
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उलझनें क्या बताऊँ जिंदगी की,
तेरे गले लगकर तेरी ही शिकायत करनी है..✨-