पहुँच गये है कई राज़ मेरे ग़ैरों के पास,
मशवरा कर लिया था इक रोज़ अपनों के साथ !!-
પારકી પંચાયત એ આજે શોખ બની ગયો છે,
જ્યાં સત્ય કરતા માઠું બોલવું લોકપ્રિય થઇ ગયું છે...
પહેલાં તાળું પોતાના ઘરનું બંધ કરો,
પછી બીજાના દરવાજા ખખડાવવાની હિંમત કરો.-
हो सके तो मेरा कुछ गम उधार रख लो ना,
बहोत दिनों से ठीक से नींद नहीं आई मुझे !!-
इसे इत्तेफाक समझो या दर्दनाक हकीकत,
आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही निकला !!-
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नहीं आते हो !!-
तकलीफ ये नहीं की किस्मत ने मुझे धोखा दिया,
मेरा यकीन तुम पर था, किस्मत पर नहीं !!-
किसी ने पूछा- वो याद नही करते तुम्हें, तुम उन्हे क्यों याद करते हो ?
हमने मुस्कुरा कर कहा- रिश्तें निभाने वाले मुकाबला नहीं किया करते !!-
एक माटी का दिया
सारी रात अंधेरे से लड़ता हैं..
तू तो भगवान का दिया है-
फिर किस बात से डरता है…-
ठीक हूं ये तो हम किसी से भी कह
सकतें हैं लेकिन परेशान हूं
ये कहने के लिए कोई बहुत ख़ास
चाहिए…-