जब भी मैं तुझे देखता हूँअब बस एक ख्याल देखता हूँ ।हम मिल ना पाए सच्ची मोहब्बत करकेना मिलने का इन आँखों में मलाल देखता हूँ।क्यों नही मिल पाते सच्ची मोहब्बत करके भी दो लोग "जाना"दिल में कुछ इस तरह के सुलगते सवाल देखता हूँ।जीता था इक राजकुमार सी ज़िंदगी वो शख्सअब तो बस मयखानों में उस शख्स को बेहाल देखता हूँ। -
जब भी मैं तुझे देखता हूँअब बस एक ख्याल देखता हूँ ।हम मिल ना पाए सच्ची मोहब्बत करकेना मिलने का इन आँखों में मलाल देखता हूँ।क्यों नही मिल पाते सच्ची मोहब्बत करके भी दो लोग "जाना"दिल में कुछ इस तरह के सुलगते सवाल देखता हूँ।जीता था इक राजकुमार सी ज़िंदगी वो शख्सअब तो बस मयखानों में उस शख्स को बेहाल देखता हूँ।
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तेरी झूठी मोहब्बत अब काम की नहीतुझे छोड़ते है अब हम नही आएंगे। मुझे नही चाहिए ये मतलबी रिश्ते जीवन मैं तुझे छोड़ते है अब हम नही आएंगे। तु पछतायेगा मुझे खोने के बाद "जाना"खैर छोड़ देर बहुत हो चुकी होगी अब हम नही आएंगे। तु आना चाहेगा भी तो नही आ पाएगा वापस "जाना"हम जा चुके होंगे शहर से तेरे अब हम नही आएंगे। -
तेरी झूठी मोहब्बत अब काम की नहीतुझे छोड़ते है अब हम नही आएंगे। मुझे नही चाहिए ये मतलबी रिश्ते जीवन मैं तुझे छोड़ते है अब हम नही आएंगे। तु पछतायेगा मुझे खोने के बाद "जाना"खैर छोड़ देर बहुत हो चुकी होगी अब हम नही आएंगे। तु आना चाहेगा भी तो नही आ पाएगा वापस "जाना"हम जा चुके होंगे शहर से तेरे अब हम नही आएंगे।
छोड़कर अकेला वो गए जो हमेंउनका इंतजार करते करते रात कट गई।जब वो आए तो हम नाराज ही ना हो सकेबात करते करते शिकायत की बात कट गई।अब अच्छा नही लगता उनके साथ रहना हमेंलगता है मोहब्बत की लकीर हाथ से आज कट गई।और "जाना"तो वैसे ही बदनाम है बेवफ़ाई के किस्सों मेंपर इन बफादारों की भी ज़माने में अब नाक काट गई। -
छोड़कर अकेला वो गए जो हमेंउनका इंतजार करते करते रात कट गई।जब वो आए तो हम नाराज ही ना हो सकेबात करते करते शिकायत की बात कट गई।अब अच्छा नही लगता उनके साथ रहना हमेंलगता है मोहब्बत की लकीर हाथ से आज कट गई।और "जाना"तो वैसे ही बदनाम है बेवफ़ाई के किस्सों मेंपर इन बफादारों की भी ज़माने में अब नाक काट गई।
में तो जिंदगी में ही बेवजह व्याज चुका रहा हूँउधार लिया नही फिर भी कर्ज चुका रहा हूँ। -
में तो जिंदगी में ही बेवजह व्याज चुका रहा हूँउधार लिया नही फिर भी कर्ज चुका रहा हूँ।
उसके बारे कुछ ना पूछो में उसके बारे कुछ नही जानता।सच कहूँमें उसे मानता हूँ पूरी तरह पर वो मुझे नहीं मानता।मोहब्बत इतनी लाखों की भीड़ में पहचान लेता हूँ उस शख्स को।बस मसला ये हैवो चंद लोगों के बीच कहता है कि इस शख्स को में नही जानता। -
उसके बारे कुछ ना पूछो में उसके बारे कुछ नही जानता।सच कहूँमें उसे मानता हूँ पूरी तरह पर वो मुझे नहीं मानता।मोहब्बत इतनी लाखों की भीड़ में पहचान लेता हूँ उस शख्स को।बस मसला ये हैवो चंद लोगों के बीच कहता है कि इस शख्स को में नही जानता।
ज़िंदगी ने उलझन के शिवा दिया क्या हैइक अधूरा इश्क़ और दर्द ताउम्र सहन और कुछ किया क्या है।ना करते मोहब्बत तो शायद खुशहाल रहती ज़िंदगीसब छीन कर पूछते हो कि मैंने तुमसे लिया क्या है।कर दी पूरी ज़िंदगी बर्बाद "जाना" तुम्हारे ख़ातिरफिर भी ताने देते हो कि मैंने तुम्हारे लिए किया क्या है। -
ज़िंदगी ने उलझन के शिवा दिया क्या हैइक अधूरा इश्क़ और दर्द ताउम्र सहन और कुछ किया क्या है।ना करते मोहब्बत तो शायद खुशहाल रहती ज़िंदगीसब छीन कर पूछते हो कि मैंने तुमसे लिया क्या है।कर दी पूरी ज़िंदगी बर्बाद "जाना" तुम्हारे ख़ातिरफिर भी ताने देते हो कि मैंने तुम्हारे लिए किया क्या है।
बैठे संग जिसके उसके साथ गद्दारी नही की थीबस बैठने वाले बैठते गए किसी ने बफादारी नही की थी।और सजन नाम था उसका "जाना" दिल लूट गया जिसके नाम वो शख्स गैर का निकला उसने ईमानदारी नही की थी।लूट के दिल टूटा दर्द ने कसर करारी नही की थीएक शब्द ना निकला उसके खिलाफ "जाना" हमने मोहब्बत उधारी नही की थी। -
बैठे संग जिसके उसके साथ गद्दारी नही की थीबस बैठने वाले बैठते गए किसी ने बफादारी नही की थी।और सजन नाम था उसका "जाना" दिल लूट गया जिसके नाम वो शख्स गैर का निकला उसने ईमानदारी नही की थी।लूट के दिल टूटा दर्द ने कसर करारी नही की थीएक शब्द ना निकला उसके खिलाफ "जाना" हमने मोहब्बत उधारी नही की थी।
लिखना चाहता हूँ बहुत कुछ पर लिख नही पा रहाशब्द मिलते हैं बहुत पर उन्हें जोड़ नही पा रहा।शायद ये नया रिश्ता आ रहा मेरी कलम और मेरे बीचनया नया रिश्ता है इसलिए तोड़ नही पा रहा।आदत बेवफाई की तेरी जाती नही "जाना"जभी हर इक हसीना को बगैर मोहब्बत छोड़ नही पा रहा।तू शायर अच्छा पर इंसान बड़ा बेवफा है "जाना"तभी राहें अपनी सफलता की और मोड़ नही पा रहा। -
लिखना चाहता हूँ बहुत कुछ पर लिख नही पा रहाशब्द मिलते हैं बहुत पर उन्हें जोड़ नही पा रहा।शायद ये नया रिश्ता आ रहा मेरी कलम और मेरे बीचनया नया रिश्ता है इसलिए तोड़ नही पा रहा।आदत बेवफाई की तेरी जाती नही "जाना"जभी हर इक हसीना को बगैर मोहब्बत छोड़ नही पा रहा।तू शायर अच्छा पर इंसान बड़ा बेवफा है "जाना"तभी राहें अपनी सफलता की और मोड़ नही पा रहा।
इतना बेहिसाब जहर घोल गया कोई उसके दिल-ओ-दिमाग में हमारे लिएकी हमारी सच्ची मोहब्बत ओर वफादारी भी कम पड़ गई उसे अपना बनाने के लिए। -
इतना बेहिसाब जहर घोल गया कोई उसके दिल-ओ-दिमाग में हमारे लिएकी हमारी सच्ची मोहब्बत ओर वफादारी भी कम पड़ गई उसे अपना बनाने के लिए।
कहा से सिखाओगे अब तुम उसे हुनर जालसाजी कावो सीखने वाला शख्स तो अब तुम्हारे वश में भी ना रहा -
कहा से सिखाओगे अब तुम उसे हुनर जालसाजी कावो सीखने वाला शख्स तो अब तुम्हारे वश में भी ना रहा