माना साल बदला है पर बात वही पुरानी है
तेरे मेरे दरमियां, एक अधूरी कहानी है-
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मुझे भुला कर भले अभी रह लो इत्मीनान से,
टूटेगा दिल तो हम बहुत याद आयेंगे! ईमान से!👍-
कब तक मुंह छिपाओगे?
संघर्षों से ही निखरेगी छवि,
तभी आख़िर में विजेता कहलाओगे-
धड़कनों की रफ़्तार बढ़ जाती है...
जब तुम क़रीब आते हो...
महसूस तुम भी तो करते हो.........
फिर इतना क्यूं आजमाते हो???-
हाँ, नहीं कर सकता वादा, चांद–तारे लाने का,
क्योंकि मैं इंसान हूँ, कोई फरिश्ता नहीं..........
पर एक वादा है... तेरी खुशियों की खातिर.....
ख़ुद को तोड़ सकता हूं, पर रिश्ता नहीं.. ।।।।-
हमने कहा....
जब काली घटा सी इन ज़ुल्फों को लहराते हो..
मेरे दिल पे क़सम से बिजली सी गिराते हो,
उन्होंने मुस्कुराते हुए पलटकर जवाब दिया..
बाक़ी तो पता नहीं, बातें अच्छी बनाते हो।।।-
मेरे पास तो जितना भी वक्त था.........
वो सब तेरा था..............
काश, तुमने कभी वक्त से पूछा होता...
ये कब मेरा था..............-
तुम्हें लेकर दिल में जो खयालात हैं,
वक्त बदलने से वो खयाल नहीं बदलते ।
साल तो दिन ब दिन गुजरता ही जाता है,
पर साल बदलने से दिल के हाल नहीं बदलते।।-
जब जब रोने को मन हुआ मेरा,
तब तब जी भर के मुस्कुराया हूं मैं !!-
ना वो सर्द हवाएं, न बारिश, न कोहरे का आलम
ऐ दिसंबर, तू इस तरह पहले तो न जाता था...-