गुज़र रही है दर्दों में हर रात मेरी,,,
तुमसे मोहब्बत करने की सज़ा,
हम भी किस्तों में काट रहे हैं…!!-
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❤️ Dil ka Dard ka aisa Dr. h... read more
एक चुभन सी है दिल में की,,,
किससे पूछूँ मैं हाल तेरा…
तेरी तरफ़ का तो मेरा कोई दोस्त भी नही है…!!-
यकीनन चाँद हो तुम,,,,,जीवन के मेरे…..
दिखने को तो पास हो, लेकिन फ़ासला मिलों का है…!!-
मैं भी मुसाफ़िर हूँ तेरी कश्ती का-ए-ज़िन्दगी,,,
तू जहाँ कहेगी वहीं उतर जाऊँगा…!!
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वापिस ले आया डाकिया ख़त मेरा…
बोला पता सही था लेकिन लोग बदल गए थे…!!-
एक सी थकान है सब दिनों के चेहरे पर
जिंदगी बता हम रविवार पहचाने कैसे..?_?-
लगता है लिखने वाले ने ये गाना मेरे लिये ही लिखा है
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सारी उमर मैं जोकर जा बनया रे हा,
ते पीछे दी जिनगी सर्कस हो गई…
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जीत चुके थे हर बाज़ी हम जीत को हार बना बैठे,
तेरे नाम का एक दरवाज़ा था उस पर दीवार बना बैठे।
उम्मीद हमारी आँखों की, हर आँसु में घुल जाती है,
दीवार पर दस्तक देने से दीवार नहीं खुल जाती है।
ग़म की बस्ती में जाकर अपना घर बार बना बैठे,
हम जीत चुके थे हर बाज़ी पर जीत को ही हार बना बैठे।
तेरे नाम का एक दरवाज़ा था उस पर दीवार बना बैठे…!!
चल करते हैं ना यार ग़म को हराने की कोशिश,
जो बीच खड़ी है दोनों के उस दीवार को गिराने की कोशिश।
एक फूल सा लम्हा था जिसको हम तलवार बना बैठे,
तेरे नाम का एक दरवाज़ा था उस पर दीवार बना बैठे।-
मर्यादा देहरी लांघ गयी,
जाहिल के संग तू भाग गयी
विपरीत रीत और खान पान
कैसे खुद को ढाला होगा।
अल्हड़पन में तू भूल गयी,
माँ बाप, जिन्होंनें पाला होगा।
वो भाई जिसने तेरी रक्षा की,
सौगंधे पल पल खाई थीं।
सारे रिश्तों को तोड़ के तू
वहशी के लिये लड़ आई थी
तेरे 36 गुण जो मिल जाते।
शायद ऐसे दिन ना आते।।
35 टुकडो़ में सिमट गयी।
जल्लाद से प्रीत निभायी है।
जा तेरी यही विदाई है।
जा तेरी यही विदाई है।
#श्रद्धा-
बातें ज़हन में कुछ चुभ सी जाती है,,
वरना दिल से पत्थर होना कौन चाहता है...!!
❤️ COLD ♥ HEARTED ♥-