लिखने का मजा तो तभी अति है
जब दिल हो दुखों से आबाद ,
और जब दिल में ना आए कोई खुशी की आगाज ।।
-
कई वर्ष बीत गई ,
पर उसे मेरी याद न आई ,
चंद लम्हें की यादें भी धुंधला सा गई ,
पर उसकी आने की आस आज भी हम से जुदा न हो पाई ,
आज कल नजर आता हैं वो राहों में किसी और की हाथ थामते हुई ,
और हम आज भी यहां खड़े हैं उसकी राह को ताकते हुई ,
कहानी तो अब उसकी मुकम्मल हो गई ,
पर अबशोस की बात उसकी कहानी में हम नहीं।
-
सुनो मुसाफिर तुम कहां चले
यूं बिना विश्राम के तुम कब से चले
मुसाफिर बोले :
" न रुक पाऊंगी , न ही विश्राम
रोक तो खुदको
इस दुनिया की भीड़ में खो जायेंगे हम
दौड़ लगी है यहां मंजिल पाने के लिए छोड़ के ऐशो आराम
कैसे हम ले विश्राम कैसे करें आराम
हम तो चले मंजिल पाने कर के निरंतर प्रयास
करे जो प्रयास न होवे वो निराश
कभी न कभी तो सच होगी उसकी आस । "
-
कभी मिलो तो हमे
तुम्हे झूट कहेंगे हम
न तेरी फिक्र करते हैं
न तुझ को याद करते हैं ।।
-