It's Sandhya ✍️   (It's sandhya✍️)
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कुछ तो लोग कहेंगे ,लोगो का काम है कहना........
Joined 25 June 2018


कुछ तो लोग कहेंगे ,लोगो का काम है कहना........
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27 DEC 2022 AT 21:37

इक़रार से हूं,इंकार सा हूं
यादों में डूबी मंझधार सा हूं
तारीफ में तेरी और लिखू मैं क्या
मैं शायर एक बेकरार सा हूं।

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25 SEP 2022 AT 17:23

यदि लक्ष्य सर्वोपरि हैं,तो.......
आलोचना, विवेचना और प्रशंसा मायने नही रखता हैं।

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3 SEP 2022 AT 22:33

इस एक खयाल ने उलझा दिया हमें
की तुम्हें ना सोचते हम तो क्या सोचते।

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21 AUG 2022 AT 19:02

तुम साथ दो तो गलत साबित करूं उन सब को
जो कहते है की कोई हमेशा साथ नहीं निभाता।

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21 AUG 2022 AT 18:59

जो दिल में रहते हैं वो साथ रहते अगर
तो शायद ये ज़िंदगी इस कदर ना बिगड़ती।

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8 AUG 2022 AT 13:03

मुझे नहीं मतलब कौन किस के साथ कैसा है,
जो मेरे साथ अच्छा है वो मेरे लिए अच्छा हैं।

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4 AUG 2022 AT 11:15

तु मुझे कभी मिलेगा या नही मुझे खबर नही ,
मगर तेरे ख्यालों में रहना अच्छा लगता हैं
तुझे देखते रहने में मेरी चाय ठंडी हो जाती हैं अक्सर,
मगर तुझे देखते रहना अच्छा लगता हैं
तु इस बात से रहा हमेशा से बेखबर,
मगर लोग मुझे जब तेरा कहते हैं तो अच्छा लगता हैं
तेरे दिल की हकीकत से नहीं वाकिफ मैं,
मगर मेरे दिल को तेरे नाम पर धड़कना अच्छा लगता हैं।

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4 AUG 2022 AT 11:09

एक तुम हो जिसे फुरसत नहीं मिलती गैरों से
एक हम हैं जो हर किसी से किनारा किए बैठे है।

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4 AUG 2022 AT 11:08

मैं लिख तो दूं तेरा नाम अपनी शायरी में मगर
हर शख़्स तुझे जान ले मुझे ये गवारा ही नहीं।

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4 AUG 2022 AT 11:06

वो नूर है उसे देखकर बस एक भरोसा ही नज़र आता है आँख लगते ही बस एक उनका चेहरा ही नज़र आता है हाये ये अजब उल्फत ऐसी है मुझे कुछ और दिखता ही नहीं चाँद निकलते ही बस एक उनका चेहरा ही नज़र आता है...

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